भारतीय रेल के इंजन की क्या होती है कीमत क्या आप जानते है
हम आपको भारतीय रेल से जुडी हुई कुछ बातें बताने जा रहे है आप जानते ही होंगे कि भारतीय रेल में दो प्रकार के लोकोमोटिव प्रयोग किये जाते हैं जोकि इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव और डीज़ल लोकोमोटिव होते हैं तो आइये जानते हैं इनके बारे में।
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इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव
दोस्तों वर्तमान समय में यात्री खंड में प्रमुख इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव डब्ल्यूएपी -4, डब्ल्यूएपी -5 और डब्ल्यूएपी -7 और फ्रेट सेगमेंट में डब्ल्यूएपी -9, डब्ल्यूएपी -9 एच हैं जिनमें से डब्ल्यूएजी -7, डब्ल्यूएजी -5, डब्ल्यूएएम -4 आदि जैसे अन्य लोकोमोटिव वापस ले जाने के कगार पर हैं क्योंकि इनमें से नवीनतम डब्ल्यूएजी -7 को 2015 में उत्पादन से बाहर कर दिया गया है लेकिन फिर भी वे 3 साल तक सेवा में हैं।
एक रेल इंजन की लागत
दोस्तों डब्ल्यूएपी -5 लोकोमोटिवों की लागत करीब 35 करोड़ रुपये होती है।
डब्ल्यूएजी -9
डब्ल्यूएजी-9 का आयात करने में भारतीय रेलवे को 35 करोड़ रूपए की लागत आती है जबकि सीएलडब्ल्यू को भारत में उत्पादित करने में 13.5 करोड़ से लेकर 15 करोड़ रूपए तक की लागत आती है।
डीजल लोकोमोटिव्स
भारतीय जीई डीज़ल लोकोमोटिव को उत्पादित करने में रेलवे को 14.656 करोड़ का खर्च आता है।
डब्लूडीपी-4
यह रेलवे का सबसे लोकप्रिय लोकोमोटिव माना जाता है इस इंजन को बनाने में रेलवे को 14 करोड़ की लागत आती है।
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