दूध पिलाते समय माँ को ध्यान रखनी चाहिए ये बातें

कभी कभी हम ऐसी गलती करते है जिसके बारे में हम सोच भी नही सकते एक शिशु जन्म से ही अपनी माँ के दूध पर निर्भर करता है क्योंकि माँ का दूध एक शिशु के लिए अमृत होता है माँ के दूध के वजह से ही शिशु स्वस्थ होता है और उसकी इम्यून पावर भी बढ़ती जिससे वो कई तरह के बिमारियों से दूर रहता है हर माँ चाहती है की उनके शिशु को माँ के दूध के ज़रिये पूर्ण आहार मिले और वो तंदरुस्त बनें इसलिए हर स्तनपान कराने वाली माँ अपने खाने पीने का खास ख्याल रखती है ताकि उनके शिशु को कोई तकलीफ ना हो क्योंकि जो भी माँ खाएगी उसका सीधा असर शिशु पर पड़ेगा लेकिन सिर्फ खाने-पीने का ही नहीं बल्कि स्तनपान कराने वाली माओं को कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए, खासकर जो पहली बार माँ बन रही है क्योंकि अनजाने में ही सही कई बार कुछ छोटी-छोटी गलतियों से भी शिशु को नुकसान हो सकता है और उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आज इस ब्लॉग के ज़रिये हम कुछ ऐसी ही गलतियां बता रहे हैं जो कभी-कभी जाने-अनजाने में स्तनपान कराने वाली माएं कर देती है जिनसे उन्हें बचना चाहिए, इसलिए आप भी अगर इन गलतियों को कर रही हैं तो इसे जल्द सुधार लें नहीं तो आपके शिशु पर पड़ सकता है बुरा प्रभाव।

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स्तनपान कराने का सही तरीका-

सबसे पहली जो बात आती है वो स्तनपान कराने का सही तरीका अगर महिला दूसरे या तीसरे बार माँ बन रही है तो उन्हें शिशु को दूध पिलाने का सही तरीका लगभग पता होता है लेकिन अगर महिला पहली बार माँ बन रही है तो हो सकता है महिला को शिशु को दूध पिलाने का सही तरीका ना पता हो शिशु को गलत तरीके से दूध पिलाना शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकता है सबसे पहले तो शिशु को गोद में उठाने का सही तरीका जानें शिशु को जब आप गोद में लें तो उसके गर्दन को पीछे से अपने हाथ से सहारा दें क्योंकि नवजात की गर्दन बहुत ही नाज़ुक होती है इसलिए उन्हें अपने हाथों से सहारा देकर दूध पिलाएं इससे वो सुरक्षित भी रहेंगे, पर्याप्त मात्रा में दूध पिएंगे और उनका पेट भी भरा रहेगा और इसके अलावा माँ को दूध पिलाने में ज़्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी अगर आप शिशु की मदद नहीं करेंगी तो हो सकता है आपका शिशु भूखा रह जाए और उसे पर्याप्त मात्रा में दूध ना मिल पाए और इससे शिशु की सेहत पर भी काफी प्रभाव पड़ेगा इसलिए शिशु को दूध पिलाने के तरीके को हमेशा ध्यान में रखें।

ध्यान ना भटकायें-

माँ बनने का एहसास तो अनमोल होता ही है लेकिन यही एहसास तब और ज़्यादा अलग और सुखमय होता है जब एक माँ अपने शिशु को दूध पिलाकर उसकी भूख मिटाती है यही वो वक़्त होता है जब शिशु और माँ के बीच एक गहरा रिश्ता बनता है इसलिए इस वक़्त अपना ध्यान इधर-उधर ना भटकायें। कई महिलाओं की आदत होती है की वो टीवी देखते वक़्त या फ़ोन पर बातें करते वक़्त अपने शिशु को दूध पिलाती है जो कि बहुत ही गलत है क्योंकि ऐसा करने पर आपको पता नहीं चलता की शिशु का सही तरीके से पेट भरा या नहीं और आपका शिशु कभी-कभी दूध पीते-पीते ही सो जाते हैं जिस कारण उनके विकास पर भी काफी प्रभाव पड़ता है और शिशु आगे चलकर स्वस्थ नहीं बनता।

जल्दबाज़ी बिल्कुल ना करें-

कभी भी शिशु को दूध पिलाते वक़्त जल्दबाज़ी ना करें क्योंकि आपको पता नहीं चलता कि शिशु का पेट सही तरीके से भरा है या नहीं हो सकता है आप दूसरे काम को करने की जल्दबाज़ी में शिशु को ज़बरदस्ती सुला रही हैं ऐसा करने से शिशु हो सकता है आधे पेट ही दूध पीकर सो जाए और इससे उसकी नींद पूरी ना हो और वो उठ जाए ऐसे में शिशु के सेहत पर काफी प्रभाव पड़ता है इसलिए शिशु को तब तक स्तनपान करवाएं जब तक वो खुद स्तनपान करना ना छोड़े।

कपड़ों का ध्यान रखें-

स्तनपान कराने वाली माओं को हमेशा कपड़े पहनने का ज़्यादा ध्यान रखना चाहिए ज़्यादा टाइट कपड़े ना पहने नहीं तो ना सिर्फ इससे आपको इन्फेक्शन होने का खतरा होगा बल्कि आपको अपने शिशु को दूध पिलाने में भी मुश्किल होगी इसलिए हमेशा आरामदायक कपड़े पहने ताकि आपके शिशु को जब भूख लगे तो आप आसानी से उसे दूध पीला सकें।

खाने-पीने का रखें ध्यान-

शिशु को दूध पिलाने वाली माओं को अपने खाने-पीने का खास ख्याल रखना चाहिए क्योंकि जो भी आप खाएंगी उसका सीधा असर आपके शिशु पर पड़ेगा इसलिए तला-भुना, मसालेदार, बाहरी खाने से, शराब या सिगरेट से दुरी बनाकर रखें हेल्दी खाएं ताकि इसका सही असर आपके शिशु पर पड़े, हरी सब्ज़ियां, दाल, दूध, जूस इस तरह की चीज़ों को खाएं ताकि इसका सही प्रभाव आपके शिशु पर भी हो।

शिशु बहुत कोमल और नाज़ुक होते हैं और उनकी सही तरह से देखभाल बहुत ज़रूरी होती है इसलिए छोटी से छोटी बातों का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक होता है एक माँ और शिशु का जो रिश्ता होता है वो सबसे अलग और ऊपर होता है, शिशु की जो बातें कोई नहीं समझ पाता वो एक माँ समझ जाती है इसलिए अपने और शिशु के रिश्ते को ना सिर्फ अनमोल बनाएं रखें बल्कि स्वस्थ भी रखें।

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