क्‍या गाय को राष्‍ट्रीय पशु घोषित किया जाएगा? जानें सरकार का जवाब

Rasthiye pashu भारत का राष्‍ट्रीय पशु बाघ है और राष्‍ट्रीय पक्षी मोर है। वहीं संसद में सोमवार को ये सवाल उठा कि क्‍या केंद्र सरकार गाय को राष्‍ट्रीय पशु घोषित करने जा रही है? इसका जवाब देते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने संसद को बताया कि भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ है और सरकार का इरादा गाय को राष्ट्रीय पशु rasthiye pashu के रूप में मान्यता देने का नहीं है।

Rasthiye pashu
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दरअसल, ये सवाल सोमवार को संसद में किशन रेड्डी ने भाजपा के सांसद भागीरथ चौधरी द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कही।

भाजपा ने किया था ये सवाल

भागीरथ चौधरी ने संस्कृति मंत्रालय ने सवाल किया था कि भारतीय संस्कृति की अभिन्न अंग ‘गौमाता’ (गाय) को क्‍या सरकार राष्‍ट्रीय पशु देने के बारे में विचार कर रही है। इसके साथ ही उन्‍होंने पूछा कि क्‍या राष्ट्रीय पशु के रूप में संसद में कानून लाकर भारतीय एवं ‘सनातन संस्कृति’ के संरक्षण एवं पुनरुद्धार पर विचार किया जा रहा है? इस प्रश्‍न के जवाब में संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी साफ किया कि केंद्र सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है।

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हाईकोर्ट के आदेश पर किया गया ये प्रश्‍न

इसके अलावा सदन में पूछे गए एक अन्‍य प्रश्‍न क्या इलाहाबाद और जयपुर उच्च न्यायालय ने ‘गौमाता’ को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का आदेश दिया था और टिप्पणी की थी? रेड्डी ने कहा कि ये मामले राज्य के विधायी अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में हैं।

केन्‍द्रीय मंत्री ने सदन को दी ये जानकारी

मंत्री ने सदन को जानकारी दी कि भारत सरकार ने बाघ को राष्ट्रीय पशु और मोर को ‘राष्ट्रीय पक्षी’ के रूप में अधिसूचित किया है, और इन दोनों को वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची- I जानवरों में शामिल किया गया है। इसके साथ ही रेड्डी ने कहा भारत सरकार काफी समय से MoEF&CC के आधिकारिक रिकॉर्ड में नहीं आ रही थी इस‍लिए सांस्‍कृतिक मंत्रालय ने 30 मई 2011 को बाघ और मोर को क्रमशः ‘राष्ट्रीय पशु’ और राष्ट्रीय पक्षी’ के रूप में पुनः अधिसूचित किया।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन लागू किया गया है

इसके साथ ही मंत्री रेड्डी ने कहा राज्‍यों में पशुपालन और डेयरी विभाग मवेशियों की स्वदेशी नस्लों सहित स्वदेशी नस्लों के सुधार और संरक्षण के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन लागू कर रहा है। इस मिशन से देश में मवेशियों समेत स्वदेशी नस्लों की उपलब्धता में वृद्धि हो रही है। उन्‍होंने बताया कि इसके तहत विभाग ने गाय और उनके बछड़ों की सुरक्षा के लिए भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की भी स्थापना की है।

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