भूल से भी ऐसे न बनाये स्वास्तिक वरना पड़ सकता है आपको भारी

हेल्लो दोस्तों हम हिन्दू लोगों में कुछ बातों का बहुत महत्व है जब भी कोई शुभ काम या विवाह किया जाता हैं तो लोग अक्सर स्वास्तिक का चिन्ह बनाते हैं आपको बता दे की पुराणों में धन की देवी लक्ष्मी और गणेश को स्वास्तिक का प्रतीक माना जाता है।

स्वास्तिक शब्द दो शब्द सु और अवस्ती से मिलकर बना हैं| जिसका मतलब होता हैं शुभ हो और कल्याण हो| ऐसा माना जाता हैं कि यदि स्वास्तिक का चिन्ह ठीक तरह से ना बनाया जाये तो आपके परिवार का नाश हो जाता है इसलिए जब भी आप स्वास्तिक का चिन्ह बनाए तो कुछ खास बातों का ध्यान रखे।

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यदि आप स्वास्तिक का चिन्ह बनाते हैं तो कुमकुम और गुलाबजल या गंगाजल लेकर मिला ले अक्सर लोग स्वास्तिक का चिन्ह अमूमन बीच से काटकर बनाते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि बीच से कटा हुये स्वास्तिक से आपके जीवन में प्रभाव पड़ता हैं माना जाता हैं कि ऐसा स्वास्तिक बनाने से आपका भाग्य और जीवन कट जाता हैं इसलिए स्वास्तिक का चिन्ह काट कर ना बनाए बल्कि उसे बिना काट कर बनाए| जिससे आपके परिवार का नाश ना हो।

स्वास्तिक का चिन्ह जब भी आप अपने घर पर बनाए तो उस जगह को अच्छी तरह से साफ कर और बिना कटा हुआ स्वास्तिक का चिन्ह बनाए इसके साथ एक और चीज का ध्यान रखे, जब भी आप स्वास्तिक का चिन्ह बनाए तो हल्दी जरूर लगाए हल्दी बृहस्पति देवता को बहुत प्रिय हैं स्वास्तिक के चारो चिन्हों में पहला सतयुग, दूसरा कलयुग, तीसरा द्वापरयुग और चौथा त्रेतायुग का प्रतीक माना जाता हैं आप अपने घर के सुख शांति के लिए अपने ईशान कोड यानि उत्तरी-पूर्वी कोने में हल्दी का स्वास्तिक बनाए इससे आपके घर में सुख-शांति बनी रहेगी।

आप ऐसे ही बनाये स्वास्तिक और अपना जीवन खुशहाल बनाये आपको कैसी लगी जानकारी हमे जरूर बताएं।

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