उम्र का असर बढ़ने पर बाजू के पीछे की मांसपेशियां जिन्हें ट्राइसेप्स कहते हैं। उन में कमजोरी आ जाती है। और उन में लचीलापन आने लगता है। इसलिए बाजू की त्वचा में ढीलापन दिखने लगता है। यह आवश्यक नहीं कि जिन का शरीर भरा हुआ हो उन्हीं की त्वचा ढीली होती है। पतली महिलाओं की त्वचा भी ढीली हो जाती है।
डिलीवरी के बाद गर्भावस्था के दौरान पूरे शरीर का भार बढ़ जाता है।डिलीवरी होने पर शरीर में अचानक कमजोरी आ जाती है।उनकी यह कमजोरी बाजू की त्वचा पर ढीलेपन के रूप में प्रत्यक्ष होती है। लेकिन यह अस्थाई होती है।जो महिलाएं खान-पान का ध्यान रखती है।और उनके घरेलू अपने काम से करती रहती है। उनकी कमजोरी भी दूर हो जाती है। साथ ही बाजुओं में कसाव भी आ जाता है।
किसी भी कारण से अगर आप की बाजू की टोचन धड़कने लगी है तो तुरंत उसे टोन अप करने के उपाय करें नहीं तो आज ज़्यादा उम्र की लगने लगेंगी।
डाइटिंग
जब महिलाएं बिना सोचे समझे डाइटिंग के नाम पर खाना पीना बंद कर देते हैं तो त्वचा की मांसपेशियों पर भी सबसे पहले असर होता है देखा जाए तो असर पूरे शरीर पर ही पड़ता है लेकिन बावजूद सामने दिखती रहती है इन्हीं पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है।
इन सब से छुटकारा पाने के लिए आप एक्सरसाइज करे क्योकी इसके लिए सबसे ज़्यादा लाभदायक एक्सरसाइज ही होगी।
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