दहलीज पर बैठना क्यों माना जाता है अशुभ
हेल्लो दोस्तों आपने देखा होगा हम जब घर की दहलीज पर खड़े या बैठे होते है तो हमको बोला जाता है कि वह मत बैठना या फिर वह खड़ा नहीं होना है ।
आजकल हम अपनी प्राचीनतम सभ्यता और संस्कारों को भूलते जा रहे है जिसका परिणाम हमें जाने-अनजाने बुरा ही भोगना पड़ता है आइये जानते है कि आखिर क्यों घर की दहलीज पर बैठना होता है बेहद अशुभ
पहला कारण
पुरानी मान्यता एवं शास्त्रों के अनुसार ऐसे घर जिनमे चौखट या दहलीज नही होती थी, उसे बड़ा अशुभ संकेत मानते थे, मान्यता है की माँ लक्ष्मी ऐसे घर जिनमें प्रवेश द्वार पर चौखट न हो वहा प्रवेश ही नहीं करती और ऐसे घर के सदस्य संस्कारहीन हो जाते है।
दूसरा कारण
दूसरी अनिवार्यता के अनुसार दहलीज वाले भवन में गंदगी भी कम प्रवेश कर पाती है तथा नकारात्मक उर्जाओ या किसी शत्रु द्वारा किया गया कोई भी नीच कर्म भी भवन में प्रवेश नहीं कर पाता।
तीसरा कारण
जब कोई नई दुल्हन घर में आती है तो उसे घर की लष्मी माना जाता है और घर में ले जाने से पहले उसके द्वारा दहलीज पूजन( चावल से भरे कलश को गिरवाकर जो कि घर की दहलीज पर रखा जाता है) ही अंदर आने दिया जाता है और उसकी आरती उतारी जाती है शास्त्रों के अनुसार नई दुल्हन को लष्मी जी का रूप माना जाता है इसलिए कहा जाता है कि दहलीज पर नही बैठना ताकि लष्मी जी को घर के अंदर आने में कोई असुविधा न हो ।
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