हम आपको आज एक बड़ी खबर बताने जा रहे है जो काफी चर्चा में है उत्तर प्रदेश के मथुरा के नंदगांव स्थित नंद भवन मंदिर में नमाज पढ़ने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है सोमवार को मथुरा पुलिस ने मंदिर में नमाज पढ़ने वाले फैसल खान को दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तार कर लिया है।
मंदिर के सेवायत कान्हा गोस्वामी की तहरीर पर बरसाना पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153A, 295, 505 के तहत केस दर्ज किया है जिनके विरुद्ध मामला दर्ज हुआ है उनमें नमाज पढ़ने वाले दोनों मुस्लिम युवकों फैसल खान और मोहम्मद चांद के नाम भी शामिल हैं पुलिस मामले की जांच कर रही है मंदिर में नमाज पढ़ने की यह घटना बीते 29 अक्टूबर की है। आज सोशल मीडिया पर वायरल हुई।
अभी इसके पीछे की सच्चाई का पर्दाफाश नही हुआ है कि इसके पीछे क्या मानशिकता थी इस बीच मंदिर में नमाज पढ़ने की तस्वीरों को अपनी फेसबुक पेज पर पोस्ट कर उसे वायरल करने वाले कौमी एकता मंच के सदस्य वकील मधुवनदत्त चतुर्वेदी ने सफाई दी है उन्होंने कहा कि वो व्यक्तिगत रूप से दिल्ली की एक संस्था खुदाई खिदमतगार के सदस्य फैजल खान और मोहम्मद चांद व गांधीवादी कार्यकर्ता निलेश गुप्ता और आलोक रत्न को जानते हैं।
29 अक्टूबर को यह चारों लोग चौरासी कोस यात्रा के लिए दिल्ली से साइकिल चलाकर नंदगांव पहुंचे थे दोपहर दो बजे जोहर की नमाज का वक्त होने पर वो नंद महल मंदिर में थे फैजल खान और मोहम्मद चांद ने मंदिर में ही नमाज की उन्होंने फैजल खान का पक्ष लेते हुए कहा कि फैजल ने उन्हें बताया कि पुजारी से बात होने के बाद ही उन्होंने मंदिर में नमाज पढ़ी थी।
मधुवनदत्त चतुर्वेदी ने तर्क दिया कि जब सूरदास सगुण निराकार के उपासक होते हुए सगुण साकार के पद लिख सकते है और मंदिरों में बैठ सकते है तो सगुण निराकार का उपासक फैजल खान मंदिर में नमाज क्यों नहीं पढ़ सकता उन्होंने कहा कि मुझे ताज्जुब और आपत्ति होती है कि हिंदू-मुस्लिम एकता की बात करने वाले फैसल खान पर मुकदमा दर्ज किया गया है उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट दर्ज किया जाना हमारी ब्रज की परंपराओं के खिलाफ है मैं इसकी निंदा करता हूं।
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