केरल असम की बेटी मुन्मी की चुनौती, गांव तक ले जाएगी मोदी जी की योजना
आज हम आपको असम की बेटी मुन्मी के बारे में बताने जा रहे है। वामपंथियों के गढ़ केरल में अगले महीने स्थानीय निकाय के चुनाव होने वाले हैं। स्थानीय निकाय चुनाव 8, 10 और 14 दिसंबर को तीन चरणों में कराए जाएँगे। राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ये घोषणा की। बताया जा रहा है कि अगर कोविड महामारी नहीं आती, तो 11 नवंबर तक चुनाव संपन्न हो जाना था।
सभी पार्टियाँ चुनाव प्रचार की तैयारियों में व्यस्त है। इस चुनाव में बीजेपी ने मुन्मी शाजी (मुन्मी गोगोई) को भी उतारा है। मुन्मी असम के लखीमपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने केरल के कन्नूर की इरिट्टी पंचायत के एक युवक से शादी की है। अब वह बीजेपी के टिकट पर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ रही हैं।
मुन्मी का कहना है कि वे पीएम मोदी की योजनाओं को गाँव और गरीबों तक पहुँचाने के लिए चुनाव लड़ रहीं हैं। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “पंचायत के लोगों ने मुझे अपने परिवार के रूप में स्वीकार किया है, स्थानीय लोगों ने भी मुझे स्वीकारा है।”
वो आगे कहती हैं, “पीएम मोदी ने हमारे लिए कई योजनाएँ बनाई हैं। इनमें से कुछ योजनाएँ गरीब परिवारों तक नहीं पहुँच रही हैं। मैं भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हूँ और इन योजनाओं को अपने गाँव में लाने के लिए कोशिश कर रही हूँ।”
मुन्मी ने न्यूज 18 से बात करते हुए बताया था, “असम के लखीमपुर में मेरा परिवार कॉन्ग्रेस का समर्थन करता है, लेकिन मैं भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हूँ। मेरे पति कन्नूर में भाजपा कार्यकर्ता हैं और मैं स्थानीय आरएसएस निकाय में शामिल हूँ।
मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल और केरल में गरीबों के लिए भाजपा की योजनाओं और नीतियों से प्रेरित हूँ। मेरे डोर-टू-डोर अभियान के दौरान, मैंने देखा है कि लोगों ने मुझे अपनी बहू के रूप में स्वीकार किया है। मैंने इन सात वर्षों के दौरान मलयालम पर अच्छी पकड़ बना ली है और इससे मुझे अपने मतदाताओं से जुड़ने में मदद मिल रही है।”
मुन्मी गोगोई के भाई गौरव गोगोई को अपनी बहन पर काफी गर्व है। वो कहते हैं, “मुझे अपनी बहन पर गर्व है, जो असम की लड़की होने के नाते, केरल में चुनाव लड़ रही है। बचपन से ही उनमें नेतृत्व के गुण थे जो उनकी खेल गतिविधियों में परिलक्षित होते थे। मैं उसकी शादी के बाद से उसके यहाँ नहीं गया, लेकिन जल्द ही जाने की योजना बना रहा हूँ।”
इसके अलावा राज्य में अगले महीने होने वाले स्थानीय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार ‘कोरोना थॉमस’ इन दिनों अपने नाम को लेकर चर्चा में हैं। मैथीलिल वार्ड से भाजपा की उम्मीदवार का नाम ‘कोरोना’ मतदाताओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के समय उनके नाम के कारण उन्हें काफी शर्मिंदगी हुई थी, लेकिन चुनाव अभियान में अब वह उनके लिए वरदान साबित हो रहा है।
कोरोना ने कहा, “मेरे नाम की वजह से लोग प्रचार अभियान के दौरान मुझे पहचान रहे हैं। मैं जहाँ भी जाती हूँ लोग हैरानी के साथ मेरा नाम लेते हैं। मैं उम्मीद करती हूँ कि मेरा नाम चुनाव के दिन मतदाताओं को मुझे याद रखने और मेरे पक्ष में वोट डालने में मदद करेगा।”
गौरतलब है कि राज्य में 1,199 स्थानीय निकायों के चुनाव होंगे, जिनमें 941 ग्राम पंचायत, 152 ब्लॉक पंचायत, 14 जिला पंचायत, 86 नगर पालिका और छह निगम शामिल हैं।
मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा। पाँच जिले– तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा, अलाप्पुझा और इडुक्की में 8 दिसंबर को चुनाव होंगे। 10 दिसंबर को कोट्टायम, एनार्कुलम, त्रिशूर, पलक्कड़ और वायनाड में चुनाव होंगे, वहीं कोझीकोड, मलप्पुरम, कन्नूर और कासरगोड में 14 दिसंबर को मतदान होगा।
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