अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए इस्तेमाल होने वाले पत्थर पर रोक, जानिए क्या है वजह
आज हम आपको बहुत ही खास जानकारी देने जा रहे है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में इस्तेमाल होने वाले गुलाबी पत्थर के खनन पर रोक लगा दी गई है और करीब ढाई दर्जन ट्रक जब्त किए गए हैं। भरतपुर जिले के बंशी पहाड़पुर की खानों से निकाले जाने वाले इन पत्थर पर रोक लगाने से मंदिर निर्माण के काम में कुछ बाधा उत्पन्न हो सकती है। भरतपुर के कलेक्टर नथमल डिडेल का कहना है कि बंशी पहाड़पुर में अवैध खनन हो रहा था।
पिछले दिनों संभागीय आयुक्त प्रेमचंद बेरवाल ने अवैध खनन रोकने को लेकर निर्देश दिए थे, इसी के तहत यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि कुछ ट्रकों को जब्त किया गया है, लेकिन यह जानकारी नहीं है कि ये ट्रक पत्थर कहां लेकर जा रहे थे? बयाना के उपखंड अधिकारी संतोष कुमार मीणा का कहना है कि राम मंदिर तो बनेगा ही, लेकिन इसके लिए अवैध खनन की अनुमति नहीं दी जा सकती।
उन्होंने बताया कि अवैध खनन का पत्थर ले जा रहे 50 ट्रकों को पिछले तीन दिन में रोका गया है। हालांकि ये नहीं कहा जा सकता कि ये सभी ट्रक अयोध्या जा रहे थे। इनमें से कुछ ट्रक आगरा की तरफ जाते हुए पकड़े गए हैं।
कई सालों से अयोध्या जा रहा पत्थर
बयाना की पटेल स्टोन इंडस्ट्री के निदेशक देवेंद्र पटेल व भरतपुर के विहिप नेता गिरिराज अग्रवाल का कहना है कि वर्ष 2006 से बंशी पहाड़पुर से पत्थर अयोध्या भेजा जा रहा है। करीब 90 हाजर घनफीट पत्थर भेजा जा चुका है, लेकिन अब प्रशासन ने खनन पर रोक लगा दी है।
राम मंदिर के निर्माण के लिए जो पत्थर इस्तेमाल किया जाने वाला उसको लेकर कुछ बातें सामने आ रही है।
ठेकेदार ने कहा, मिली है अनुमति
खनन कार्य करने वाले ठेकेदार विजयपाल सिंह का कहना है कि मेरी कंपनी को खान विभाग से बंशी पहाड़पुर में खनन करने की अनुमति मिली हुई है, लेकिन वन एवं पर्यावरण विभाग ने अभी क्लीयरेंस नहीं दी।
यह है विशेषता
इस पत्थर की पांच हजार साल उम्र होती है। बारिश का पानी गिरने पर इसकी चमक बढ़ती है।
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