Surya devta: सूर्य देवता को जल अर्पित करते समय भूलकर भी ना करें ये गलतियां, हो सकता है आपका नुकसान

Surya devta :रविवार का दिन सूर्य देवता (Surya Davta) भगवान का हाेता हैं। इन की पूजा करने से कई कष्टाें से छुटकारा मिलता हैं। लेकिन शास्त्रों के अनुसार सूर्यदेवता को जल अर्पित करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।

Surya devta: सूर्यदेवता को जल अर्पित करना बेहद ही शुभ माना जाता है। आज हम आपकाे सूर्य देव काे जल चढ़ाने के कुछ नियमाें के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप उनकी कृपा पा सके-

सूर्य देवता (Surya Davta) को जल अर्पित करते समय हमेशा तांबे का लोटा ही इस्तेमाल करना चाहिए।

जल हमेशा नहा-धोकर ही अर्पित करें।

सूर्य (Surya devta ) को जल चढ़ाते समय पानी में लाल फूल, कुमकुम और अक्षत डालने चाहिए।

सबसे महत्वपूर्ण है कि सूर्य को जल अर्पित करते समय जल की गिरती धार में सूर्य की किरणों को देखना शुभ माना जाता है।

सूर्य को जल अर्पित करते समय मुंह हमेशा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।

जल हमेशा नंगे पैर अर्पित करना चाहिए।

इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जल अर्पित करने के बाद वह पैरों तक न पहुंचें।

Surya devta
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सूर्य देवता (Surya Davta) को जल चढ़ाने से जीवन में कभी भी धन की समस्या नहीं रहती।

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सभव हो तो उगते हुए सूर्य को ही जल चढ़ाएं। उगते सूर्य को जल देने से खास फल की प्राप्ति होती है।

सूर्य देवता (Surya Davta) को जल का अर्घ्य अर्पित करने के बाद तीन बार परिक्रमा अवश्य लगाएं और इसके बाद धरती के पैर छू कर ओम सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें।

सूर्य को अर्घ्य देते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपके दोनों हाथ सिर के ऊपर हों। इतना ही नहीं सूर्य देव को जल अर्पित करने से नवग्रह की कृपा प्राप्त होती है।

इस बात का भी ध्यान रखें कि लाल कपड़े पहनकर सूर्य देव को जल देना शुभ होता है। जल अर्पित करने के बाद धूप, अगबत्ती आदि से भगवन की पूजा करें।

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