पिछले जन्म में आप के माता पिता ने क्या किया जो आप मिले उनको
कुछ कर्म ही ऐसे होते है जिसकी वजह से हम अपने जीवन में कुछ पा सकते है हमारे हिंदू धर्म में बहुत ही मान्यताए है कोई इसको अंधविश्वास मानता है तो कोई अपनी श्रद्धा के कारण इस पर विश्वास करता है हमारे हिंदू धर्म में ऐसी मान्यताऐं भी है कि पूर्व जन्म के कर्म व्यक्ति के अगले जन्म के साथ आते हैं कर्मों से ही व्यक्ति दूसरे जन्म में माता- पिता या भाई- बहन या दोस्त दुश्मन आदि रिश्ते हासिल करता हैं।
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इसी प्रकार हमारे शास्त्र में यह भी बताया गया कि व्यक्ति को संतान उसके पिछले जन्म के कार्य अनुसार मिलता है आइए जानते हैं शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को किस प्रकार की संतान मिली है अथवा किस कर्म के आधार पर उसने संतान पाया है।
यदि किसी व्यक्ति ने पिछले जन्म में किसी से कर्ज लिया हो और वह उसका कर्ज ना चुका पाया हो तो वह व्यक्ति आपकी संतान के रूप में अगले जन्म में आपको मिलेगा और वह आपका धन तब तक खत्म करता रहेगा जब तक उसका पूरा हिसाब बराबर ना हो जाए।
शत्रु पुत्र
शास्त्रों के अनुसार मानना है कि पिछले जन्म में कोई दुश्मन आप से बदला ना ले पाया हो तो इस जन्म में वह आपकी ऐसी संतान के रूप में आता है जो आप का एक अहम हिस्सा बन जाता है और वह आपको जिंदगी भर परेशान करता रहता है।
सेवक पुत्र
किसी व्यक्ति ने किसी अन्य व्यक्ति की पूरे मन से सेवा की हो तथा उस सेवा में कोई स्वार्थ ना हो तो वह व्यक्ति आपका कर्ज उतारने आपके अगले जन्म में सेवक पुत्र बनकर जरूर आता है।
अब आप लोग खुद ही समझ सकते हैं कि आप कैसे पुत्र या पिता है अगर आपको अपने पिता की चिंता है तो आप यह समझ लीजिए , आप एक सेवक पुत्र हैं हमें लिखकर जरूर बताइए कि आप कौन सी श्रेणी में है।
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