क्या आप भी ज़्यादा यूज़ करते हो स्मार्टफ़ोन तो हो सकता है आपको खतरा

smartphone के ज्यादा use करने पर होने वाले बुरे प्रभाव की, जो की ना केवल हमारे मस्तिष्क़ को बल्कि हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को भी प्रभावित करता है और इसके दुष्परिणाम स्वरुप हम काफी बिमारियों के शिकार हो जाते हैं।

अगर आप स्मार्टफोन पर घंटों चैटिंग और बात करने के आदी हैं तो यह आपके लिए एक बुरी खबर है खाते-पीते, उठते-बैठते, सोते समय smartphones के उपयोग से हम दिन पर दिन बीमार होते जा रहे हैं एक सर्वे के मुताबिक़, हर 5 में से 2 भारतीय युवा अपने smartphone के बिना परेशान हो जाते हैं 96 प्रतिशत लोगों के दिन की शुरुआत सोशल मीडिया खोलकर चैटिंग से होती है 84 फीसदी लोग अपने बिस्तर पर smartphone लेकर सोते हैं, वहीं 15 फीसदी ड्राइविंग के दौरान अपना स्मार्टफोन देखते हैं।

रेडिएशन है खतरा

हाल में विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि स्मार्टफोन और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अधिक चैटिंग नशे की तरह काम कर रहा है यह इंसान को शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार बना रहा है Indian Medical Association और Heart care foundation of India (NGO) के डॉक्टर्स ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि बीमारियों का कारण smartphones से निकलने वाला रेडिएशन है।

इन बीमारियों का खतरा

होम्योपैथी डॉक्टर रवि सिंह बताते हैं, ” Smartphones के अत्यधिक इस्तेमाल से कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि, मस्तिष्क ट्यूमर, प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता में कमी, नींद में कमी और चिंता, बच्चों में रक्त का कैंसर, बांझपन, गर्भपात और कई अन्य प्रकार की स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं आ सकती हैं।”

ज्यादातर लोगों को नहीं है जानकारी

डॉक्टर सिंह आगे बताते हैं, “चिंता की बड़ी बात यह है कि ज्यादातर मामलों में लोगों को यह पता भी नहीं है की वह इस समस्या से पीड़ित हैं।” Heart care foundation के डॉ. केके अग्रवाल बताते हैँ, “पहले यह समझा जाता था कि रेडिएशन से सिर्फ कैंसर होने का खतरा रहता है, लेकिन अध्ययन में हमने पाया कि इससे एंजाइटी, नोमोफोबिया, इंन्सोम्निया, ब्लैकबैरी थम्ब आदि बीमारियां हो रही हैं।” डॉ. अग्रवाल आगे बताते हैं, “अध्ययन में शामिल 60 फीसद लोगों (युवा) को डर रहता है कि वह अपना Mobile भूल गए हैं इस बीमारी को नोमोफोबिया कहते हैं 43 फीसद लोग सेल फोन के बिना असुरक्षित महसूस करते हैं। यह भी एंजाइटी का लक्षण है इस बीमारी में लगता है कि फोन रिंग कर रहा है, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं होता।”

कमजोर हो रही हाथ की हड्डियां

हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय गुप्ता बताते हैं, ” smartphones पर देर तक काम करने से हाथ की नसों और हड्डियों पर असर पड़ रहा है इसके चलते उंगलियों में सूजन, हाथ कांपना, चींटी काटने जैसा एहसास होता है, जो ब्लैकबेरी थम्ब बीमारी का लक्षण है।”

आखें हो जाती हैँ खराब

KGMU के नेत्र रोग विभाग में भर्ती एक मरीज क्रॉनिक ड्राई आई सिंड्रोम से पीड़ित है वह एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करता है वह 15 घंटे सोशल शेयरिंग का काम करते हैं इसके आलावा जब वह कंप्यूटर या टैबलेट पर नहीं होते, तब भी वाट्सएप्प, फेसबुक और ट्विटर पर मैसेज चेक करते हैं पिछले कुछ साल से वह क्रॉनिक ड्राई आई सिंड्रोम से पीड़ित हैं।

Smartphone इंजरी है खतरनाक

KGMU के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. अजय सिंह बताते हैं, “बदलती लाइफस्टाइल में smartphones के अधिक उपयोग से कमर दर्द, रीढ़ की हड्डी में तकलीफ, गले की हड्डी में दर्द जैसी समस्याएं खड़ी हो गयी हैं इन्हें स्मार्टफोन इंजरी कहते हैं।” वे आगे बताते हैं, ” OPD में रोजाना 20 लोग ऐसे आते हैं जिन्हे smartphones के उपयोग से कई समस्याएं हो जाती हैं इनमें से अधिकतर लोग 20 से 35 साल के हैं।”

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