गठिया बीमारी क्या है और कैसे होती है ये बीमारी
हम आपको ऐसी बीमारी के बारे में बता रहे है जिसकी जानकारी बहुत कम लोगो को है सिर्फ भारत की बात करें तो यहां लगभग 15 प्रतिशत लोगों में अर्थराइटिस पाया जाता है इसलिए जरूरत है इसके बारे में सही जानकारी और इससे बचाव के तरीकों के बारे में जानने की अर्थराइटिस के बारे में इस लेख में हम विस्तार से जानते हैं।
अर्थराइटिस के कारण
अर्थराइटिस का मुख्य कारण है, हमारी आरामतलब जीवनशैली, खाद्य पदार्थों का सेवन और कंप्यूटर पर बैठकर घंटों काम करना, खाने में जरूरी पौष्टिक तत्वों की कमी इसके अलावा जंक फूड का सेवन, व्यायाम की कमी आदि के कारण इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है पहले ऐसा माना जाता था कि केवल उम्रदराज लोग ही इसकी चपेट में आते हैं, लेकिन वर्तमान में इसकी गिरफ्त में नौजवान भी आ रहे हैं।
अर्थराइटिस के लक्षण
शुरूआत में अर्थराइटिस के खास लक्षण नहीं होते हैं अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में असहनीय दर्द होता है कुछ प्रकारों जैसे – रूमेटाइटड अर्थराइटिस में सुबह के वक्त यह दर्द बहुत बढ़ जाता है कुछ मामलों में अर्थराइटिस का दर्द असहनीय हो जाता है इसके कारण चलने-फिरने में दिक्कत हो सकती है मानसून और ठंड के वक्त भी इसका दर्द बढ़ जाता है।
अर्थराइटिस के लिए घरेलू उपचार
जैतून के तेल से भी मालिश करने से भी गठिया की पीड़ा काफी कम हो जाती है।
गठिया के रोगी को कुछ दिनों तक गुनगुना एनिमा देना चाहिए ताकि रोगी का पेट साफ़ हो, क्योंकि गठिया के रोग को रोकने के लिए कब्जियत से छुटकारा पाना ज़रूरी है।
भाप से स्नान और शरीर की मालिश गठिया के रोग में काफी हद तक लाभ देते हैं जस्ता, विटामिन सी और कैल्शियम के सप्लीमेंट का अतिरिक्त डोज़ सेवन करने से भी काफी लाभ मिलता है।
समुद्र में स्नान करने से भी गठिया के रोग में काफी तक आराम मिलता है।
सुबह उठते ही आलू का ताज़ा रस और पानी को बराबर अनुपात में मिलाकर सेवन करने से भी काफी फायदा मिलता है।
सोने से पहले दर्द वाली जगह पर सिरके से मालिश करने से भी पीड़ा काफी कम हो जाती है।
नियमित रूप से 6 से 50 ग्राम अदरक के पाउडर का सेवन करने से भी गठिया के रोग में फायदा मिलता है अरंडी का तेल मालिश करने से गठिया रोग के दर्द से राहत मिलती है।
कुछ सामान्य बातों का ध्यान देकर अर्थराइटिस से बचाव किया जा सकता है इसलिए अगर हड्डियों से संबंधित किसी तरह की समस्या हो रही है तो इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें और चिकित्सक से सलाह लें।
आज इस बीमारी की बढ़ती संख्या लोगों में चिंता का विषय बनी हुई है विश्व अर्थराइटिस दिवस का ध्येय होता है, लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना और अर्थराइटिस के मरीज़ों को सहायता देना इसको देखते इस रोग को विश्व दिवस भी मनाया जाता है जोकि हर वर्ष 12 अक्टूबर को मनाया जाता है।
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