हेल्लो दोस्तों आपके सामने एक ऐसी कहानी लेकर आई हूं जो आप के जीवन को एक अलग ही अनुभव कराएगी।
एक बार एक व्यक्ति बहुत परेशांन था वो बहुत मेहनत करता पर और काबिल भी था पर उसके जीवन मे कुछ अच्छा नहीं हो रहा था उसे पता चला की पास के गांव में विवेकानन्द जी आये है तो वो उनके पास गया और उनके चरणों में गिर गया और उनसे प्राथना कि क़ी मेरा जीवन बहुत ही उल्जन में है मैं अपने जीवन में सफल नही हो पा रहा हूँ मुझ पर कृपा कीजिये और मार्ग बताये।
विवेकानंन्द जी ने उसे बोला की तुम्हारे प्रश्न का जवाब में जरूर दूंगा पर उस से पहले तुम्हे एक काम करना होगा और फिर एक पालतू कुत्ते को उस व्यक्ति को दिया और बोले की इसको साथ लेजाओ और 1 किलोमीटर ग़ुम कर आओ।
व्यक्ति ने ऐसा ही किया वो वहां से चला गया थोड़ा समय बीत जाने के बाद वो व्यक्ति विवेकानंन्द के पास लौट कर आया तो विवेकानंन्द जी ने देखा की उस व्यक्ति का चेहरा अभी भी चमक रहा था और कोई थकान भी नहीं थी जबकि कुत्ता पूरी तरीके से थक चूका था और जोर जोर से साँस ले रहा था विवेकानंन्द जी ने कहा कि तुम दोनों एक ही जगह गये तो फिर ये इतना थक कैसे गया जबकि तुम बिलकुल भी थके हुए नहीं लग रहे हो।
व्यक्ति ने कहा कि महाराज ये कुत्ता जो भी गली आती वहा दूसरे कुत्तो के पीछे भागता और फिर आ जाता और इसी तरह पुरे रास्ते में आते आते थक गया ।
विवेकानंद से मुस्कुराये और बोले की ये ही तुम्हारे प्रश्न का जवाब हे तुम अपनी मंजिल पर सीधे नहीं जा रहे हो तुम रस्ते में भटक भटक कर थक गए हो ।
विवेकानंद बहुत ही महान गुरु के रूप में प्रख्यात हे उनके स्वयं के द्वारा बहुत सी किताबे लिखी गई है आप उनका अध्यन करके बहुत आगे जा सकते और अपने जीवन को आसान बना सकते हे ।
ऐसी कहानी आपके जीवन को बदल सकती है और आपको एक नयी राह दिखा सकती है।
आपको कैसी लगी पोस्ट हमे जरूर बताये।