भारत ने रख दी पाकिस्तान के सामने शर्त इमरान को होने लगी चिंता

कभी कभी आदमी को कुछ दिखाने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है भारत और पाकिस्तान के बीच वर्तमान समय में एक बार फिर से संबंधों को लेकर काफी अदा गर्माहट मची हुई है गौरतलब है कि करतापुर गलियारे के शिलान्यास के समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी सभी इच्छाएं व्यक्त कर दी जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि पाकिस्तान भारत से सिर्फ और सिर्फ मित्रता चाहता है तथा यदि इस कार्य के लिए भारत एक कदम उठाएगा, तो पाकिस्तान की तरफ से दो कदम उठाए जाएंगे।

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आपको बता दें कि कुछ दिनों पश्चात एशियाई देशों का एक सम्मेलन पाकिस्तान में होना है इसको लेकर पाकिस्तान की तरफ से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बुलावा भेजा गया था लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय का नेतृत्व करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्पष्ट तौर पर इस बात से इनकार कर दिया कि पीएम मोदी पाकिस्तान जाएंगे इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के आगे कई बड़ी शर्तें भी रखी।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जब तक सीमा पर आतंकवाद का समर्थन करता है, तब तक भारत का प्रधानमंत्री पाकिस्तान जाए ऐसा संभव ही नहीं है हालांकि इसके आगे उन्होंने पाकिस्तान में हिंदुओं की दयनीय स्थिति को लेकर भी पाकिस्तान की रणनीति पर सवाल उठाए उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान वाकई में भारत से मैत्री संबंध चाहता है, तो सबसे पहले उसे धर्मनिरपेक्ष होना पड़ेगा।

अब ऐसे में धर्मनिरपेक्ष होने की शर्त वाकई में पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ी है क्योंकि जिस तरह से पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का हनन हो रहा है, उससे यह बिल्कुल भी नहीं लगता कि पाकिस्तान इतनी जल्दी धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बन पाएगा हालाँकि देखने वाली बात यह है कि पाकिस्तान सुषमा स्वराज के इस बयान का किस लहजे में जवाब देता है? लेकिन क्या पाकिस्तान कभी धर्मनिरपेक्ष बन पाएगा।

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