बेलपत्र तोड़ते समय न करे ये गलतियां होता है नुक्सान
बेलपत्र सभी भगवान शिव को चढ़ाते है लेकिन उसको पहले पेड़ से तोडना पड़ता है तभी हम भगवान् शिव को चढ़ाते है सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है भगवान शिव एक लोटे जल से भी शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं इसलिए उन्हें भोलेनाथ कहा जाता है दूध, दही बिल्व पत्र आदि अर्पित करके भोलेनाथ की पूजा की जाती है अधिकांश लोग यह सोचकर अधिक मात्रा में बिल्वपत्र अर्पण करते हैं कि शायद अधिक बिल्वपत्र अर्पण करने से उन्हें शिवजी की अधिक कृपा प्राप्त होगी बिना बेलपत्र चढ़ाए शिव की पूजा करना भी व्यर्थ है क्योंकि शिव जिस चीज से सबसे अधिक प्रसन्न होते हैं वह बेलपत्र ही है।
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भगवान शिव पर अर्पित करने के लिए बिल्व पत्र तोड़ने से पहले नीचे लिखे मंत्र का उच्चारण करना चाहिए उसके बाद बिल्व वृक्ष को प्रणाम करके बिल्व पत्र तोड़ना चाहिए।
चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथियों को, संक्रांति के समय और सोमवार को बेलपत्र न तोड़ें।
बिल्वपत्र तोड़ते समय निम्न मंत्र का उच्चारण करना चाहिए-
“अमृतोद्भव श्रीवृक्ष महादेवप्रिय: सदा।
गृह्णामि तव पत्राणि शिवपूजार्थमादरात्॥”
आप भी जब भी बेलपत्र तोड़े तो इन बातों का ध्यान रखें आपको कैसी लगी जानकारी हमें जरूर बताएं अगर जानकारी पसंद आयी तो लाइक और शेयर जरूर करे ऐसी ही नयी नयी जानकारी के लिए हमे फॉलो करें।