अर्नब की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गलत ठहराया है। इस पर यूपी सरकार में पूर्व मंत्री रहे ओमप्रकाश राजभर ने तंज कसा है। राजभर ने योगी सरकार और केंद्र सरकार पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया है। राजभर ने कहा है कि अर्नब के खिलाफ हुई कार्रवाई पर बिलबिलाने वाले तब चुप क्यों थे जब यूपी में पत्रकारों का उत्पीड़न हो रहा था।
राजभर ने टि्वट कर लिखा, ”योगी सरकार में एक साल मे चालीस पत्रकारों पर FIR हुई! पत्रकारों की हत्या हो गयी! सरकार के खिलाफ ख़बर लिखने पर EOW जैसी ऐजेसी पीछे लगा दी गयी पर जो आज अर्नब की गिरफ्तारी पर बिलबिला रहे है वह ख़ामोश थे और अर्नब की गिरफ़्तारी से इनको लोकतंत्र की याद आ रही है।
दूसरे टि्वट में योगी सरकार में मिड डे मील के नाम पर मासूम बच्चों को नमक रोटी परोसे जाने की खबर सामने लाने वाले मिर्जापुर के पत्रकार पवन जायसवाल, आज़मगढ़ के पत्रकार संजय जायसवाल, प्रशांत कनौजिया भ्रष्टाचार उजागर करने वाले मनीष पांडेय के साथ UP सरकार ने जो किया वो क्या था ? इमरजेंसी या रामराज ?
इतना ही नहीं राजभर ने कहा कि पत्रकार गौरी लंकेश,नरेंद्र दाभोलकर पर जानलेवा हमले होते है। प्रशान्त कनोजिया को जेल में डाला जाता है। दलित पत्रकार मीना कोटवाल के साथ हाल ही में बिहार के मोतिहारी में बदसुलूकी की जाती है। तब अर्णव के समर्थन में उतरने वाले बीजेपी के लोग छुपे होते है या फंसे होते है?पूछता है भारत?
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