5 अगस्त को ही क्यो रखा मोदी जी ने राम अयोध्या भूमि पूजन ,क्या है इसके पीछे का राज

सभी जानते है मोदी जी ने अयोध्या राम भूमि का पूजन का दिन तय कर लिया है। दशकों के इंतजार के बाद आखिरकार रामनगरी अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तारीख का ऐलान हो गया है। पांच अगस्त को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे।

रामनगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की बैठक के बाद अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन के कार्यक्रम की तारीख पर भी मुहर लगा दी है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने पांच अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी के अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम तय किया है। देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार नरेंद्र मोदी अयोध्या जाएंगे।

अयोध्या में ऐसे होगा भूमि पूजन

अयोध्या में राम मंदिर के नींव पूजन में प्रधानमंत्री मोदी ताम्र कलश स्थापित करेंगे। मंदिर की नींव पूजन में प्रयुक्त होने वाले ताम्र कलश में वैदिक रीति के मुताबिक गंगा जल के साथ सभी तीर्थों के जल, सर्वऔषधि, पंच रत्न, जिनमें- हीरा, पन्ना, माणिक, सोना और पीतल रखे जाएंगे। इसके साथ पाताल लोक के राजा शेषनाग और शेषावतार की प्रसन्नता के लिए चांदी के नाग-नागिन, भूमि के आधार देव भगवान विष्णु के कच्छप अवतार के प्रतीक कछुआ भी नींव में स्थापित होंगे।

मंगल कलश में सेवर घास रखकर सभी तीर्थों सहित गंगा जल से कलश को भरा जाएगा। इसके बाद वैदिक वास्तु पूजन और विधान के अनुसार कलश स्थापित करने के बाद नंदा, भद्रा, जया, रिक्ता और पूर्णा नाम की पांच ईंटों/ शिलाओं की पूजा की जाएगी।

पांच अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि का योग

सूत्रों के मुताबिक श्रीराम नाम का जो मुहूर्त है, वह पांच का है। यही सर्वार्थ सिद्धि का योग भी है। यह सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है और इसमें अगर भूमि पूजन किया जाए तो सर्वार्थ की सिद्धि प्राप्त होगी। माना जाता है इस मुहूर्त में सभी कामनाओं की सिद्धि होती है, लिहाजा इस शुभ मुहूर्त में पूजन किया जा सकता है। यही देखकर इस तिथि को फाइनल किया गया है।

शनिवार को हुई थी बैठक

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की शनिवार को बैठक हुई थी। अयोध्या में पहली बार आयोजित ट्रस्ट की बैठक में इसके 15 पदाधिकारी शामिल हुए थे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने शनिवार को अयोध्या में ट्रस्ट की बैठक के बाद श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन के लिए दो तारीखों तीन अगस्त और पांच अगस्त को सहमति व्यक्त करने के बाद प्रस्ताव प्रधानमंत्री कार्यालय भेजा था। तीन तथा पांच अगस्त की तारीख तय कर पीएम ऑफिस को इसकी जानकारी दी गई थी। इसके बाद पीएमओ को एक दिन तय करना था। इसके बाद सबकी निगाहें पीएमओ के फैसले पर टिकी थीं। पीएमओ ने पांच तारीख फाइनल कर दी है।

अहम है पांच अगस्त की तारीख

बता दें कि पांच अगस्त की तारीख एक और वजह से भी अहम हो जाती है। बीते वर्ष 5 अगस्त को ही कश्मीर से धारा 370 हटाई गई थी। इसी कारण यह तिथि और अहम हो जाती है। कहा जा रहा है कि श्रीरामजन्म भूमि पूजन के बाद पांच अगस्त को भूमि पूजन के लिए भी यादगार माना जाएगा।

साढ़े तीन साल में मंदिर निर्माण पूरा हो जाएगा
वैदिक पूजन के बाद ही सारी सामग्री नींव में स्थापित कर मंदिर का औपचारिक निर्माण आरंभ किया जाएगा। इस प्रकार श्रीराम मंदिर निर्माण का श्रीगणेश होगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के जनरल सेक्रेटरी चंपत राय ने बताया था कि मानसून के बाद जब परिस्थतियां सामान्य हो जाएंगी तो मंदिर निर्माण में आर्थिक सहायता के लिए देश के 10 करोड़ परिवारों से संपर्क किया जाएगा। फंड कलेक्ट होने के बाद और मंदिर निर्माण से जुड़ी सभी ड्रॉइंग पूरी होने के बाद हमें लगता है कि तीन से साढ़े तीन साल में मंदिर निर्माण पूरा हो जाएगा।

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