15 August Happy Independence Day
15 August Happy Independence Day
हैल्लो दोस्तों जैसा की आप जानते है आपके कुछ अलग ही लेकर आती हूं तो आज भी ऐसा topic लेकर आई हूं जिसकी जानकारी सब को होनी चाहिए वैसे तो कौन नहीं जानता 15 अगस्त के बारे में सभी को पता है मगर आज हम आपको ऐसी कुछ बातें बताएगे जो शायद आपको न पता हो।
15 अगस्त हमारी ज़िन्दगी के लिए बहुत अलग दिन होता है यहाँ हमारे बीते हुए कल के लिए और आने वाले कल के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन होगा इस दिन हमारा देश आजाद हुआ था और आज उसी की वजह से हम आज खुली हवा मे साँस ले रहे है।
आज हम आपको 15 अगस्त के बारे में पूरी जानकारी डिटेल में देंगे जिससे आप हमारे देश के बारे में जान सकते है।
भारत का स्वतंत्रता दिवस क्या है।
15 अगस्त को अंग्रेजी में Independence Day कहते है यहाँ हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है 15 अगस्त सन 1947 में हमारे देश में रहने वाले युवकों ने बिटिश शासन से अपने देश को आजाद कराया था इससे पहले हमारे देश पर युवक बिटिश शासन की हुकूमत थी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस कहा जाता है और इसको राष्ट्रीय त्यौहार माना जाता है हर साल इस दिन हमारे देश के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते है।
15 अगस्त सन 1947 को हमारे देश प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जी ने दिल्ली में लाल किले के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था तब से हर साल हमारे देश के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते है और यहाँ सिर्फ हमारे प्रधानमंत्री नहीं बल्कि हिंदुस्तान के हर विद्यायल में प्रधानचार्य राष्ट्रीय ध्वज फहराते है और विद्यायल में सभी बच्चो को 15 अगस्त के बारे में जानकारी दी जाती है।
15 अगस्त को आजादी के उत्सव में परेड , झाँकी , नृत्य ,संस्कृति कार्यकर्म आयोजित करते है इस दिन सभी जगह देश भक्ति गीत ,देश भक्त फिल्में देखनो को मिलती है 15 अगस्त को एक राष्ट्रीय त्यौहार की तरह मनाया जाता है जितनी तैयारी हम लोग अपने त्यौहार के लिए तैयारी के लिए करते है उतनी ही तैयारी हम इस राष्ट्रीय त्यौहार के लिए करते हैं।
महात्मा गांधी जी का आंदोलन देश के लिए
महात्मा गांधी जी को वैसे तो सभी जानते है लेकिन उनकी महानता की आज हम बात करेंगे महात्मा गांधी जी पहले व्यक्ति थे जिन्होंने हिंसा के लिए आवाज उठाई थी इन्होंने बहुत से आंदोलन किये और उनमें जीत हासिल की महात्मा गांधी जी भारत के लिए सन् 1919 में उन्होंने भारत को बिटिश शासन से आजाद कराने के लिए कोशिस शुरू की।
गांधी जी को सन् 1919 से पहले की हालात को देख कर गांधी जी समझ रहे थे की हिन्दू और मुस्लिम लोग में एकता न होने के कारण सरकार की ताकत कमजोर पड़ रही थी बस गांधी जी ने हिन्दू मुस्लिम की एकता के बल पर बिटिश शासन को बाहर करने की कोशिश में लग गए।
गांधी जी ने मुस्लिम नेताओं की बैठक की जिसमे गांधी जी को राष्ट्रीय नेता बना दिया उनकी कांग्रेस सरकार में एक अलग जगह पहचान मिली गांधी जी ने हिन्दू मुस्लिम की एकता के लिए बहुत कोशिस की लेकिन गांधी जी हर बार असफल रहें गांधी जी अहिंसा के बहुत बड़े पुजारी थे वो अहिंसा के लिए हमेशा खड़े रहते थे।
गांधी जी ने सन् 1920 में आंदोलन शुरु किया
गांधी जी ये आंदोलन इसलिए शुरु किया कि इसमें किसी भी तरह की मदद न की जाये बिटिश सरकार को जिसका मतलब ये था कि जब हम हिंदुस्तानी किसी भी तरह की मदद नही करेगे तो बिटिश सरकार खुद चली जायेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ गांधी जी जान गए थे की बिटिश सरकार हम पर राज करना चाहती थी।
गांधी जी ने सभी देशवाशियो से बात की और उनको समझाया कि बिटिश सरकार हम पर राज चाहती है जो की तभी संभव है जब हम उनका साथ दे अगर् हम उनका साथ न दे तो वो कभी भी हम पर राज नहीं कर पायेगी और न हमे गुलाम बना सकती है।
फिर अचानक से कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से गांधी जी को अपना आंदोलन वापिस लेना पड़ा भारतीय व्यक्ति रैली निकाल रहे थे जिस में बिटिश सरकार ने हमला कर दिया और कुछ भारतीय को गोली लगाने से उनकी जान चली गयी भारतीयों ने गुस्से में आकर पुलिस स्टेशन में आग लगा दी।
नमक आंदोलन
गांधी जी ने एक आंदोलन शुरू किया जिसका नाम था सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरु किया ये बिटिश सरकार के खिलाफ था इस आंदोलन का नियम यही था कि बिटिश सरकार जो भी कहेगी वो नहीं मानी जायेगी इसमें बिटिश सरकार ने बोला की कोई भी व्यक्ति दूसरे राज्य का नमक नहीं बनायेगा।
तभी भारत के लोगों ने दूसरे राज्य का नमक बनाया जी बिटिश सरकार के खिलाफ था दांडी नामक स्थान पर जाकर नमक बनाया और बिटिश सरकार के कानून को तोड़ दिया।
31 जनवरी 1929 को भारत का झंडा लाहौर में फहराया गया ये दिन नेशनल कांग्रेस ने आजादी का दिन समझ कर बनाया था गांधी जी ने सुभाष चंद्र बोस से और पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ अपने विचारों को सिद्ध किया इस आंदोलन की वजह से बहुत से लोगो को जेल जाना पड़ा।
लार्ड विलिंग्टन ने भारतीय राष्ट्रियवादियो को कुलचने के लिए एक नया अभियान चलाया जिसमे गांधी जी को गिरफ्तार किया गांधी जी के सहायकों को उनसे मिलने भी जाना नही दिया और ये अभियान भी असफल रहा।
गांधी जी के नेतत्व में बहुत आंदोलन हुए जिसमें भारतीयों में अहिंसा के लिए आंदोलनों में हिस्सा लिया जब देश आजाद हुआ तो उसको धर्म के आधार पर दो भागों में बाँट दिया जिसमे हिंदुस्तान और पकिस्तान का नाम दिया गया मुसलमान हिंदुस्तान छोड़कर पकिस्तान गए और हिन्दू ,सिख, ईसाई हिंदुस्तान आये।
जिस दिन हमारा देश आजाद होना था उस दिन गांधी जी भारत से दूर थे वो हिन्दू और मुसलमानों के बीच फैली हिंसा को शांत के लिए अनशन पर बैठे थे उनको जवाहर लाल नेहरू जी खत लिखा और गांधी जी को वापस बुलाया और उनसे कहा कि आप राष्ट्रीय पिता है आपका होना अति आवश्यक है।
लेकिन गांधी जी नहीं आये जिस दिन भारत आजादी का जशन मना रहा था तब गांधी जी हिन्दू और मुसलमानों के बीच की लड़ाई को रोक लगा रहे थे।
स्वतंत्रता से पहले का समय कैसा था
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण घोषणा की और 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस का ऐलान कर दिया कांग्रेस ने भारतीयों से दिए गए आदेश को स्वीकार करने को कहा कांग्रेस ने 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाने शुरु कर दिया इस दिन लोग सब मिलकर शपथ लेते थे जब सन् 1947 में भारत को पूर्ण रूप से आजादी मिली तो उसके बाद सन् 1950 के बाद 26 जनवरी को
गणतंत्र दिवस मनाया जाने लगा।
प्रथम विश्व युद्ध
प्रथम विश्व युद्ध यूरोप में हुआ यहाँ युद्ध एशिया, यूरोप और अफ्रीका तीनो महादीपो के बीच हुआ प्रथम युद्ध कम से कम 51 माह चला उस समय की पीढ़ी के लिए ये युद्ध दृष्टि ही बदल देना वाला अनुभव था इसमें आधी दुनिया युद्ध में मारी गयी और उस से कई ज़्यादा दुनिया घायल हो गयी युद्ध होते होते ज़र्मनी, रूस, ऑस्टिया और उस्मानिया राज्ये भी ख़त्म हो गए यूरोप को दुबारा से निर्धारित किया जो की अमेरिका एक शक्ति शाली बना।
द्वितीय विश्व युद्ध
द्वितीय विश्व युद्ध में सिर्फ सेना ही नहीं बल्कि आम आदमी भी शामिल था जब युद्ध होता था तो सिर्फ सेना ही लड़ती थी लेकिन इस युद्ध नै ऐसा नहीं था इसमें टारगेट आम जनता भी थी उन पर भी हमला किया द्वितीय विश्व युद्ध सन् 1939 से सन् 1945 तक चला इस युद्ध में दो पावर थी एक वो थी जिसमे रूस, जर्मनी जापान ऐसे देश शामिल थे तो दूसरी तरफ कनाडा, ब्राज़ील , बिटेन , ऑस्टिलया जैसे देश शामिल थे द्वितीय विश्व युद्ध में जनसँख्या में बहुत लोग मर चुके गए थे।
सन् 1946 के बाद उनको एहसास हुआ की उनके पास न तो घर और न ही जनाकोश है और न ही किसी जा समर्थन। और वो धीरे धीरे अपने बल की शक्ति को खोते जा रहे है फरवरी
सन् 1947 में प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने घोषणा की बिटिश सरकार भारत को पूर्ण आत्म प्रशासन प्रदान करेगी।
बिहार और बंगाल में भी हिंसा भड़क गयी थी महात्मा गांधी जी ने हिंसा को शांत कराया लाखो लोग मारे गए जब देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा था तभी गांधी जी नर सहार रोकने के लिए वही रुक गए लेकिन 14 अगस्त 1947 को पकिस्तान को स्वतंत्रता दिवस घोषित कर दिया मुहम्मद अली जिन्ना ने कराची के पहले गवर्नर की शपथ ली।
हमारा देश आजाद तो हो गया लेकिन इसका कोई राष्टगान नहीं बना था रविंद्र नाथ टैगोर ने 1911 में ही लिख दिया था लेकिन वो पूरा 1950 में हुआ।
भारत के सविधान में दिल्ली में की सविधान हॉल में बैठक हुई जिसमें भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भारत की आजादी पर भाषण दिए महिलाओं के समूह ने अपने प्रतिनिधित्व के लिए राष्ट्रीय ध्वज भेंट दिया नेहरू जी प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली महात्मा गांधी जी के नाम के साथ लोगो ने ये उत्सव मनाया जाता है गांधी जी ने हिन्दू और मुसलमानों के बीच शांति को बनाये रखने के कलकत्ता में एक भीड़ से बात की इसके लिए उन्होंने 24 घटें उपवास पर रहे।
15 अगस्त 1947 को सभी अधिकारों से हस्तांतरण भी किया और स्वतंत्रता दिवस के समारोह का आयोजन आरम्भ किया जैसे ही रात को स्वतंत्रता हासिल की और हमारा भारत स्वतंत्र हो गया स्वतंत्र हासिल करने के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भाषण दिए।
15 अगस्त पर भाषण
मेरे आदरणीय प्रधानाचार्य ,अध्यापकगण, अभिभावको , मेरे प्यारे मित्रों आप सभी को मेरा नमस्कार जैसा की आप सभी जानते है की हम प्रतिवर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस उत्सव मनाते है आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई हो इस दिन हमारे देश को 15 अगस्त 1947 को बिटिश सरकार से आजादी मिली थी ये दिन हम सभी की ज़िन्दगी में बहुत ख़ुशी का दिन होता है हम उनका दिल से धन्यवाद करते है जिन्होंने हमे ये आजादी दिलाई आज हम उनकी वजह से ख़ुशी से ज़िन्दगी गुजार रहे है।
15 अगस्त 1947 का ये दिन हमारे इतिहास में हमेशा के लिए लिखा जा चूका है जब भारत के लोग सो रहे थे तभी बिटिश सरकार से हमारे भारत के लोग आजादी के लिए संघर्ष कर रहे थे भारत दुनिया में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है भारत हमारी एकता के लिए भी पर प्रशिद्ध है।
इस दिन सभी भारतीय नागरिकों के लिए बहुत ख़ुशी का दिन होता है इस दिन हम भारतीय उन सभी स्वतंत्रता सेनानीयों को याद करते है जिन्होंने अपनी जान पर खेल कर हमें ये खूबसूरत दिन दिया और आज हम आजादी की ज़िन्दगी जी रहे है जब हम बिटिश सरकार के गुलामी करते थे तब न तो हमे अच्छे खाने की अनुमति थी ,न हमे पढ़ने की अनुमति थी हम अपने हिसाब से न तो खा सकते थे और न ही पहन सकते थे।
बिटिश सरकार हम भारतीयों को गुलाम बना कर रखने चाहते थे जिन महान लोगों की वजह से हमें ये दिन मिला उन्हें हम हमेशा याद रखेंगे वो हमारी यादों में रहेगा हमें आजादी इसलिए मिली क्योकि सहयोग, बलिदान और कड़ी मेहनत हमारे महान नेताओं ने की जिन्होंने कठिन परिश्रम करके हमे आजादी दिलाई।
भारत के कुछ महान देशभक्त महात्मा गांधी जी , सुभाष चंद्र बोस , चंद्रशेखर आजाद , बाल गंगाधर तिलक , पंडित जवाहर लाल नेहरू ये महान प्रशिद्ध देशभक्त थे जिन्होंने हमारे देश को आजाद कराने के लिए कड़ी मेहनत और संघर्ष किया और देश को आजाद कराया।
हमारे देश के महान देशभक्त को बिटिश सरकार से संघर्ष करते हुए कितनी लाठी खाई ,कितनी बार जेल गए लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी वो ठान चुके थे की आजादी तो हम पा कर रहेंगे।
हम उस समय को सोच भी नहीं सकते की कैसे कैसे संघर्ष करना पड़ा आज हमारा देश पूरी तरह से लोकतांत्रिक है महात्मा गांधी जी ने सबसे पहले अहिंसा और स्वतंत्र का सपना देखा था और उन्होंने पूरा भी किया
ये हमारी मातृभूमि है हमे अपने देश को बुरे लोगों से बचा कर रखना है हमे आने देश की रक्षा करनी है और अपने देश को सबसे अच्छा देश बनाना है अपने देश को आगे की और ले जाना है ताकि हमारे देश का विकास जल्दी ही हो और एक अच्छा भारत बने।
हम सभी भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस को हार्दिक बधाई।