सावन के महीने में क्यो नही खाना चाहिए इन चीजों को

आज हम सावन से जुड़ी हुई कुछ बाते बताने जा रहे है। सावन का महीना सबसे उत्तम माना गया है। क्योंकि भगवान शिव को ये महीना बहुत प्रिय है। इस महीने में पूजा करने वालों पर भगवान शिव की खास कृपा बनी रहती है।

शास्त्रों में भी भगवान को प्रसन्न करने के लिए सात्विक भोजन करने की सलाह दी गई है। इसी कारण इस महीने में बहुत से लोग मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन का सेवन बंद कर देते हैं। लेकिन इन सब चीजों को छोड़कर और भी चीजें हैं जिन्हें सावन में खाना पाप माना जाता है। तो आइए जानें क्या नहीं खाना चाहिए सावन के महीने में?

सावन का नाम सुनते ही प्रकृति की सुंदरता आंखों के सामने आ जाती है। तन-मन रिमझिम-रिमझिम फुहारों से झूम उठता है। ये महीना रुद्राभिषेक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। एक महीना भगवान शिव की सच्चे ह्रदय से आराधना करने पर सदा के लिए उनकी कृपा का पात्र बना जा सकता है। श्रावन में खान-पान का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। भविष्य पुराण में बताया गया है, अपने शरीर को रोगों से मुक्त रखना भी मानव धर्म है क्योंकि स्वस्थ व्यक्ति ही समाज और धर्म को उन्नति के मार्ग पर ले जा सकता है। इन चीज़ों को खाने से भोले बाबा होते हैं नाराज़-

●  सावन में हरी पत्तेदार सब्जियों का त्याग करना अच्छा माना जाता है क्योंकि सावन में हरी सब्जियों में पित्त बढ़ाने वाले तत्व की मात्रा बढ़ जाती है। इसके अलावा सावन के महीने में कीट-पतंगों की संख्या बढ़ जाती है जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं।

● शिवलिंग पुरुष तत्व से संबंधित है इसलिए कभी भी शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए।

● सावन के महीने में सात्विक भोजन करना चाहिए। इसमें मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन के सेवन से बचना चाहिए।

● सावन के महीनों में दूध भी नहीं पीना चाहिए। इसलिए सावन में शिव जी का दूध से अभिषेक किया जाता है।विज्ञान की मानें तो इन दिनों दूध पित्त बढ़ाने का काम करता है।

● सावन में बैंगन खाना अच्छा नहीं माना गया है। वैज्ञानिक कारण के नजरिए से देखें तो सावन में बैंगन में कीड़े लग जाते हैं। ऐसे में बैंगन का स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

● किसी का अपमान न करें और किसी भी प्रकार के बुरे विचार मन में नहीं लाना चाहिए।

● अगर घर के दरवाजे पर सांड या गाय आ जाए तो उसे मार कर भगाएं वहीं बल्कि कुछ खाने के लिए जरूर दें। सांड को मारना शिवजी की सवारी नंदी का अपमान करने समान है।

● मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन। ये भोज्य पदार्थ अध्यात्म के सास्ते में सबसे बड़ी बाधा पैदा करते हैं। इनको खाने से लोक ही नहीं परलोक भी बिगड़ जाता है।

● साग और अन्य हरी पत्तेदार सब्जियों को खाना सेहत के लिए अच्छा होता है लेकिन सावन के महीने में इन्हें खाने से शरीर को नुकसान होता है।

● बैंगन को धर्म शास्त्रों में शुद्घ नहीं माना जाता। इन्हें खाने के पीछे वैज्ञानिक आधार ये है कि सावन के महीने में इनमें कीड़े पड़ जाते हैं। जो हेल्थ को नुक्सान पहुंचाते हैं।

● दूध नहीं पीना चाहिए क्योंकि सावन के महीने में ये वात को बढ़ाता है लेकिन भगवान भोलेनाथ का अभिषेक अवश्य करना चाहिए।

● दही और उससे बनी चीज़े भी नहीं खानी चाहिए।

इस महीने में डाइजेशन पावर वीक हो जाती है इसलिए ऑयली और हैवी खाना खाने से बचें।

ये चीज़े खाएं-

● फलों में सेब, केला, आम और जामुन खाने चाहिए।

● सब्जियों में लौकी, तुरई और टमाटर खाना चाहिए। ये जल्दी हजम हो जाते हैं।

● अनाज में पुराने चावल, मूंग, अरहर, गेहूं और मक्का खाएं।

● आयुर्वेद के अनुसार, सावन में हरड़ खाने से पेट के सभी रोगों का नाश होता है।

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