सरकार ने किया ऐलान स्कूलों की होगी फीस माफ

क्या आप जानते है कि सरकार ने किया ऐलान जिससे सभी को मिलेगी खुशखबरी कोरोना महामारी के चलते सभी स्कूल और कॉलेज बन करा दिए गए थे। जिसके चलते बच्चों को ऑनलाइन क्लास करना पड़ा। इस ऑनलाइन क्लास के चलते कई मां बाप बच्चों की फीस को लेकर चिंतित हो गए थे। लेकिन इसी बीच गुजरात राज्य ने बच्चों और उनके परिवार को अच्छी खुशखबरी सुनाई हैं। यहाँ के सरकार ने बीते बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए स्कूल की फीस में 25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया था।

उत्तर प्रदेश

वही उत्तर प्रदेश में स्कूल की फीस को लेकर सरकार ने अनलॉक 4 के दौरान कहा था कि स्कूल पेरेंट्स पर दबाव नहीं डाल सकते। जिसके बाद उत्तर प्रदेश एनसीआर के कुछ स्कूलों ने भी 25 फीसदी तक फीस माफ की है। साथ ही अगर स्कूल से फीस को लेकर कोई शिकायत आती हैं तो यूपी सरकार फीस बढ़ाने पर कार्रवाई करेगी।

बिहार में अब फीस वृद्धि को लेकर कई जिलों में अभिवावक सड़क पर उतर चुके हैं।

गुजरात सरकार ने शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा ने ऐलान किया कि स्कूल फीस में 25% कटौती की गई है। यह निर्णय सरकार ने अभिभावकों और स्कूल मैनेजमेंट दोनों के साथ बातचीत के बाद ही लिया है। स्कूल की एजुकेशन फीस में 25 प्रतिशत कटौती करते हुए, स्कूल को यह भी निर्देश दिया कि वे बच्चों से कैंटीन फीस, ट्रांसपोर्टेशन फीस, स्पोर्ट्स फीस और कंप्यूटर क्लास की फीस भी वसूल नहीं सकते।

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा है कि पंजाब में सिर्फ वो स्कूल ही ट्यूशन फीस ले सकते हैं जो लॉकडाउन में बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं।

दिल्ली

दिल्ली सरकार ने बीते माह 11 सितंबर को ही आदेश जारी करते हुए कहा था कि कोई भी स्कूल कोरोना महामारी के दौरान फीस नहीं बढ़ा सकता। शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि आदेश न मानने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। इसके बावजूद दिल्ली के कई नामी निजी स्कूलों के अभिवावक कोरोना काल में फीसवृद्धि की शिकायत कर चुके हैं।

राजस्थान

राजस्थान में अभिवावकों ने हाईकोर्ट की शरण ली. जिस पर 30 सितंबर को सुनवाई हुई। लेकिन इस पर स्कूलों का तर्क है कि उन्हें लॉकडाउन के दौरान भी ऑनलाइन पढ़ा रहे शिक्षकों और कर्मचारियों को सैलरी देनी है, इस तरह वो फीस में पूरी तरह कटौती नहीं कर सकते।

ओडिशा

ओडिशा में भी निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस ले हुई थी जिसके बाद इस मामले को हाईकोर्ट पहुंचा था। यहां हाईकोर्ट के निर्देश पर अभिभावक संघ, शिक्षक संघ, स्कूल संघ के विभिन्न कार्यकर्ताओं को लेकर बैठक हुई थी। बैठक के दौरान तैयार किया गया फीस स्लैब पेश किया गया। इसके अनुसार कुछ स्कूल कम से कम 7.5 फ़ीसदी स्कूल फीस माफ कर सकते हैं जबकि अन्य कुछ स्कूल सर्वाधिक 26 फ़ीसदी तक स्कूल फीस माफ कर सकेंगे।

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