भुनी हुई अलसी खाने के फायदे, आइये जानते है

हमने आपको पहले भी भुनी हुई अलसी से होने वाले फायदे बताए है लेकिन आज हम आपको भुनी हुई अलसी खाने के जबरदस्त फायदे बताने वाले हैं, ये बेहद स्वास्थ्यवर्धक और बलवर्धक चीज है, आयुर्वेद में कहा गया है कि भुनी हुई अलसी के समान कोई दूसरी औषधि नही है, तो चलिए जान लेते हैं इसके फायदे।

भुनी हुई अलसी खाने के फायदे
भुनी हुई अलसी खाने के फायदे

भुनी हुई अलसी खाने के फायदे- 

प्रतिदिन 30 ग्राम अलसी को सूखी कढ़ाई में भूनकर दरदरा पीस लें और भोजन के बाद इसका सेवन करें।

इसे खाने से मधुमेह में बेहद लाभ होता है, प्रतिदिन इस तरह से अलसी का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है और पेट सम्बन्धी सभी परेशानियाँ दूर हो जायेंगी।

भुनी हुई अलसी के खाने से पुल्टिस का प्रयोग गले एवं छाती के दर्द सूजन तथा निमोनिया और पसलियों के दर्द में लगाकर किया जाता है, इसके साथ ही यह चोट मोच और जोड़ों की सूजन में भी लाभकारी होता है।

यह साँस की नली और फेफड़ों में जमे कफ को निकालकर दमा और खांसी में राहत देती है।

भुनी हुई अलसी के तेल का धुआं सूंघने से नाक में जमा हुआ कफ आसानी से बाहर निकल जाता है और पुराने जुकाम में लाभ होता है।

भूरे-काले रंग के यह छोटे छोटे बीज, हृदय रोगों से आपकी रक्षा करते हैं। इसमें उपस्थित घुलनशील फाइबर्स, प्राकृतिक रूप से आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का काम करता है। इससे हृदय की धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल घटने लगता है, और रक्त प्रवाह बेहतर होता है, नतीजतन हार्ट अटैक की संभावना नहीं के बराबर होती है ।

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भुनी हुई अलसी में ओमेगा-3 भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो रक्त प्रवाह को बेहतर कर, खून के जमने या थक्का बनने से रोकता है, जो हार्ट-अटैक का कारण बनता है। यह रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक है।

भुनी हुई अलसी खाने के फायदे 

भुनी हुई अलसी के तेल की मालिश से शरीर के अंग स्वस्थ होते हैं, और बेहतर तरीके से कार्य करते हैं। इस तेल की मसाज से चेहरे की त्वचा कांतिमय हो जाती है।

प्रतिदिन सुबह शाम एक चम्मच भुनी हुई अलसी का सेवन आपको पूरी तरह से स्वस्थ रखने में सहायक होता है, इसे पीसकर पानी के साथ भी लिया जा सकता है । अलसी को नियमित दिनचर्या में शामिल कर आप कई तरह की बीमारियों से अपनी रक्षा कर सकते हैं, साथ ही आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

मौसम की वजह से अक्सर लोगों में सर्दी-जुकाम की समस्या हो जाती है। अगर जुकाम ज्यादा हो जाए तो कफ बन जाता है। कफ की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योकि अलसी की तासीर गर्म होती है, इसलिए ये कफ को पिघलाने में मददगार होता है। इसके सेवन से गले और श्वास नली में जमा हुआ कफ पिघलकर बाहर निकल जाता है।

भुनी हुई अलसी त्वचा में चमक और मजबूत बालों के लिए अलसी का नियमित रूप से सेवन करें। रोजाना लगभग 2 चम्मच अलसी नाश्ते में लें। इसके अलावा आप एक से दो चम्मच अलसी का तेल का भी सेवन कर सकते हैं। अलसी का तेल त्वचा को नमी पहुंचाने में मदद करेगा और इसे प्राकृतिक चमक पहुंचाएगा।

भुनी हुई अलसी का सीमित मात्रा में सेवन, खून में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है। इससे शरीर के आंतरिक भाग स्वस्थ रहते हैं, और बेहतर कार्य करते हैं।

भुनी हुई अलसी के खाने से भोजन में अधिक फाइबर का सेवन करने से आप लंबे समय तक पेट भरे होने जैसा महसूस कर सकते हैं। यह चयापचय में वृद्धि कर आपके पाचन को तेज करने में भी मदद करता है। अलसी आपको जल्द से जल्द पेट भर जाने जैसा महसूस करवाता है, जिससे आप बेकार की कैलोरी लेने से बच सकते हैं।

पिसे हुए अलसी के बीज का सेवन दही में डालकर कर सकते हैं। अलसी के तेल का इस्तेमाल आप खाद्य समाग्री को पकाने के लिए कर सकते हैं। इससे आपको बहुत ही फायदा होगा।

भुनी हुई अलसी का नियमित उपयोग और सेवन बालों की समस्याओं को कम करने में मदद करता है जैसे डैंड्रफ़, खुजली और बालों का टूटना।

आपकी त्वचा की सुंदरता बढ़ाने के लिए कई चेहरे के पैक और स्क्रब्स बनाने के लिए अलसी का उपयोग किया जा सकता है।

सुगंधित तेल की कुछ बूंदों के साथ अलसी का तेल मिलाकर प्राकृतिक त्वचा मॉइस्चराइजर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, स्वस्थ त्वचा के लिए भी अपने दैनिक आहार में अलसी को शामिल कर सकते हैं।

भुनी हुई अलसी सेवन के दौरान पानी खूब पीना चाहिए। इसमें फायबर अधिक होता है, जो पानी ज्यादा मांगता है। एक चम्मच अलसी पावडर को 360 मिलीलीटर पानी में तब तक धीमी आंच पर पकाएं जब तक कि यह पानी आधा न रह जाए। थोड़ा ठंडा होने पर शहद या शकर मिलाकर सेवन करें।

फल और सब्जियों से ज्यादा पोषक तत्व और एंटी-ऑक्सिडेंट्स, फ्लैक्सीड में पाए जाते हैं ये एजिंग प्रक्रिया को धीमा करने और पाचन क्रिया को मजबूत बनाने में मददगार हैं।

भुनी हुई अलसी के बीज में मौजूद फाइबर वजन घटाने में मददगार है ये कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाता है पेट को लंबे समय तक भरा रखता है ओवरइटिंग करने से भी बचाता है।

भुनी हुई अलसी के बीज में घुलनशील और अघुलनशील, दोनों ही प्रकार के फाइबर पाए जाते हैं ये शरीर से चर्बी कम करता है और मीठा खाने की क्रेविंग्स को खत्म करता है।

सोसायटी फॉर इंटिग्रेटिव आंगकॉलोजी ने अपनी स्टडी में पाया कि जो महिलाएं अलसी के बीज का सेवन करती हैं उन्हें पीरियड्स में गड़बड़ी का सामना नहीं करना पड़ता है स्टडी के मुताबिक जैसे हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी काम करती है, अलसी के बीज भी उसी तरह का असर दिखाता है।

भुनी हुई अलसी का बीज बॉडी टिश्यू को रेडिएशन से बचाता है एंटी ऑक्सिडेंट फूड के तौर पर अलसी के बीज का भी इस्तेमाल किया जाता है।

रजोनिवृत्ति के दौरान औरतों को कई हॉरमोनल परिवर्तनों से गुजरना पड़ता है। ऐसे में उन्हें अत्यधिक गर्मी, बैचेनी, कमर दर्द, घुटनों में दर्द जैसी समस्याएं आम रूप से होती हैं। अलसी में फाइटोएस्ट्रोजन पाया जाता है जो इस दौरान महिलाओं में होने वाले इन हार्मोनल परिवर्तनों को संतुलित करता है, इसके साथ ही इनकी ये परेशानियां भी कम हो जाती हैं।

भुनी हुई अलसी में लाइगन नामक तत्व, आंतों में सक्रिय होकर, ऐसे तत्व का निर्माण करता है, जो फीमेल हार्मोन्स के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भुनी हुई अलसी में मौजूद फायदेमंद गुणों के लिए इसे सालों से एक औषधि के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। अलसी कई बिमारियों के ईलाज में चमत्कार साबित हुई है।

शाकाहारी लोगों के लिए अलसी, ओमेगा-3 का बेहतर विकल्प है, क्योंकि अब तक मछली को ओमेगा-3 का अच्छा स्त्रोत माना जाता था,जिसका सेवन नॉन-वेजिटेरियन लोग ही कर पाते हैं।

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