भारत मे पहले नंबर पर है सबसे बड़ा यह मंदिर, दूसरा नंबर पर होगा अयोध्या राम मंदिर

हम सभी जानते है कि अयोध्या राम मंदिर बनने जा रहा है पांच अगस्त को होगा राम मंदिर का भूमि पूजन
मंदिर की ऊंचाई 141 फीट से बढ़ाकर 161 फीट की गई क्षेत्रफल के लिहाज से दुनिया में चौथा सबसे बड़ा मंदिर होगा

अयोध्या दशकों का इंतजार 5 अगस्त को खत्म होने जा रहा है। अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन होने जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। भूमि पूजन को भव्य बनाने के लिए सरकार के साथ-साथ साधु-संत कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं।

पर क्या आपको मालूम है कि अयोध्या में बनने जा रहा राम मंदिर भारत का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर होगा। जानिए कौन है भारत का सबसे बड़ा मंदिर और उससे जुड़ी विशेषताएं।

रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीराम मंदिर क्षेत्रफल के लिहाज से दुनिया में चौथा सबसे बड़ा मंदिर होगा। दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कंबोडिया का अंगकोरवाट है। जबकि भारत का सबसे बड़ा मंदिर तमिलनाडु का श्रीरंगनाथ स्वामी मंदिर है, जो करीब 156 एकड़ के क्षेत्र में है।

श्रीरंगनाथ स्वामी मंदिर

भारत का सबसे बड़ा मंदिर तमिलनाडु का श्रीरंगनाथ स्वामी मंदिर है। यह मंदिर श्रीरंगम क्षेत्र में बना हुआ है। यह पूरा क्षेत्र एक तरफ कावेरी नदी से और दूसरी तरफ कावेरी शाखा कोलिदम (कोलेरून) से घिरा हुआ है। यह वैष्णव संप्रदाय का प्रमुख मंदिर है। श्रीरंगनाथ स्वामी मंदिर का क्षेत्रफल लगभग 6,31,000 वर्ग मीटर (156 एकड़) है, जिसकी परिधि 4 किमी (10,710 फीट) है।

श्रीरंगम मंदिर का परिसर 7 संकेंद्रित दीवारी अनुभागों और 21 गोपुरम से बना है। मंदिर के गोपुरम को राजगोपुरम कहा जाता है और यह 236 फीट (72 मी) है जो एशिया में सबसे लम्बा है। इसके बारे में एक मिथक है कि गोपुरम के ऊपर से श्रीलंका के तट को देखा जा सकता है। मंदिर का गठन सात प्रकारों (उन्नत घेरों) से हुआ है, जिसका गोपुरम अक्षीय पथ से जुड़ा हुआ है जो सबसे बाहरी प्रकार की तरफ सबसे ऊंचा और एकदम अन्दर की तरफ सबसे नीचा है।

ऐसा होगा राम मंदिर का स्वरूप

मंदिर के मुख्य वास्तुकार सी. सोमपुरा के बेटे और वास्तुकार निखिल सोमपुरा ने कहा, “मंदिर का पिछला डिजाइन 1988 में तैयार किया गया था। उसे 30 साल से अधिक समय हो चुका है। यहां अधिक लोगों के आने की संभावना है। लोग मंदिर जाने को लेकर भी बहुत उत्साहित हैं। इसलिए, हमने सोचा कि इसका आकार बढ़ाया जाना चाहिए। संशोधित डिजाइन के अनुसार, मंदिर की ऊंचाई 141 फीट से बढ़ाकर 161 फीट कर दी गई है।”

सोमपुरा ने आगे कहा कि मंदिर के डिजाइन में दो और मंडपों को जोड़ा गया है और पहले के डिजाइन के आधार पर उकेरे गए पत्थरों और सभी स्तंभों का उपयोग भी किया जाएगा। नए डिजाइन में सिर्फ दो नए ‘मंडप’ जोड़े गए हैं। साल 1988 में तैयार मूल डिजाइन में मंदिर की ऊंचाई 141 फीट बताई गई है, जिसे बढ़ाकर 161 फीट लंबा कर दिया गया है।

तीन दिवसीय वैदिक अनुष्ठान भव्य भूमि पूजन समारोह से पहले आयोजित किया जाएगा। यह अनुष्ठान नींव के पत्थर के रूप में 40 किलो चांदी की ईंट की स्थापना को लेकर होगा। अनुष्ठान 3 अगस्त को ‘गौरी गणेश’ पूजा के साथ शुरू होगा और इसके बाद 4 अगस्त को ‘रामरचा’ होगा, जिसमें बिना रूके ‘राम नाम’ का पाठ किया जाएगा। पूरे समारोह का सीधा प्रसारण किया जाएगा ताकि सभी भक्त इसे अपने घरों से देख सकेंगे।

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