दीपावली को लेकर दिल्ली सरकार का ऐलान, सिर्फ 2 घटें पटाखें जलाना का समय

क्या आप भी दिल्ली से है अगर है तो जरूर पढ़ें पूरी खबर दीपावली के बाद हर साल दिल्ली में प्रदूषण की समस्या बढ़ती है इससे निपटने के लिए दिल्ली पुलिस ने पटाखों की बिक्री व इस्तेमाल के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन जगह-जगह चस्पा किया है इस गाइडलाइन में कहा गया है कि दिल्ली में सिर्फ ग्रीन पटाखे मिलेंगे।

दीवाली के त्योहार पर रात 8 बजे से 10 बजे पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है गुरुपर्व पर सुबह 4 से 5 और रात में 9 से 10 बजे तक और क्रिसमस पर रात 11.55 से 12.30 तक पटाखे जलाने की इजाजत दी गई है इसके साथ ही पटाखे जलाते वक्त कोविड-19 की गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करने का आदेश दिया गया है।

पटाखे बेचने का मिला लाइसेंस

इस साल PESO सत्यापित ग्रीन पटाखे दिल्ली के लोगों को आसानी से मिलेंगे।

दिल्ली पुलिस ने इस साल ग्रीन पटाखे बेचने के लिए 138 व्यापारियों को अस्थाई तौर पर लाइसेंस जारी कर दिया है 16 नवंबर तक इन्हें पटाखे बेचने की अनुमति होगी।

पिछले साल प्रदूषण रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश को समझने में पुलिस व पेट्रोलियम मंत्रालय को काफी वक्त लगा था जिससे पटाखे बेचने के लिए लाइसेंस दीवाली से कुछ दिन पहले जारी किए गए पिछले साल 62 व्यापारियों को लाइसेंस मिला था।

5 करोड़ स्मार्टफोन बेचने वाला सबसे तेज ब्रैंड बना रियलमी, शिपमेंट में भी बनाए कई रिकॉर्ड लाइसेंसिंग विभाग के संयुक्त आयुक्त सुभाशीष चौधरी के मुताबिक लाइसेंस के लिए आवेदन की तिथि खत्म हो चुकी है।

हालांकि कुछ और व्यापारियों ने अपील की है उस पर रेंज के संयुक्त आयुक्त व जिले की डीसीपी विचार कर रहे हैं इनमें कुछ और व्यापारियों भी लाइसेंस दिया जा सकता है दिल्ली में 13 थोक व्यापारियों को पहले से ही साल भर ग्रीन पटाखे बेचने के लिए स्थाई लाइसेंस मिला हुआ है।

दिल्ली पुलिस ने व्यापारियों और आम लोगों के लिए गाइडलाइन जारी की है इसमें कहा गया है कि जुड़े पटाखे यानी लड़ियां, खतरनाक कैमिकल और इंपोर्टेड पटाखे बेचने की अनुमति नहीं होगी सिर्फ वही पटाखे बेचे जा सकते हैं जिनकी आवाज फटने के स्थान से 2 मीटर पर 125 डेसीबल या 145 डेसीबल के अंदर हों साइलेंस जोन में पटाखे फोड़ने की इजाजत नहीं होगी।

क्या हैं ग्रीन पटाखे

ग्रीन पटाखे सामान्य पटाखों की तरह होते हैं इन पटाखों से होने वाला प्रदूषण 40-50 फीसदी कम फैलता है पूरे देश में अब सिर्फ ग्रीन पटाखों का ही निर्माण हो सकता है बेरियम युक्त पटाखे नहीं बेचे जा सकते राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान के मुताबिक ग्रीन पटाखे ऐसे फार्मूले से बनाए गए हैं जो कम प्रदूषण फैलाते हैं इन पटाखों से निकलने वाला कैमिकल जलने के बाद पानी में बदल जाता है।

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