हेल्लो दोस्तों आज कल डेंगू इतना चल रहा है जहाँ देखो वही डेंगू । डेंगू सभी मच्छर से नहीं फैलता है यह केवल कुछ जाति के मच्छर से फैलता है इस रोग का वाहक एड़ीज मच्छर की दो प्रजातियां हैं- एडीज एजिपटाई (Aedes aegypti) तथा एडीज एल्बोपेक्टस के नाम से जाने जाते हैं जो काफ़ी ढीठ व और दुस्साहसी मच्छर हैं और दिन में भी काटते हैं।
डेंगू सभी मच्छर से नहीं फैलता है यह केवल कुछ जाति के मच्छर से फैलता है इस रोग का वाहक एड़ीज मच्छर की दो प्रजातियां हैं- एडीज एजिपटाई (Aedes aegypti) तथा एडीज एल्बोपेक्टस के नाम से जाने जाते हैं जो काफ़ी ढीठ व और दुस्साहसी मच्छर हैं और दिन में भी काटते हैं।
उपचार का मुख्य तरीका सहायक चिकित्सा देना ही है इस तरह करने नियमों का पालन डेंगू में बीमारी से बचने के लियें खूब सारा आराम करें मुख से तरल लेते रहना चाहिये क्योंकि अन्यथा जल की कमी हो सकती है, नसों से भी तरल दिया जा सकता है बुख़ार के लिये पेरासिटामोल (paracetamol) या एसिटाअमिनोफेन (acetaminophen) ले सकते हैं रोगी को सेलिसिलेट, डिस्प्रीन, एस्प्रीन (aspirin) या गैरस्टेराइड दवाएं कभी ना दें यह आपको नुक़सान पहुंचा सकता है, जैसे- ख़ून की बीमारी।
यदि बुख़ार 102 डिग्री फारेनहाइट से अधिक है तो बुख़ार को कम करने के लिए हाइड्रोथेरेपी (जल चिकित्सा) करें।सामान्य रूप से भोजन देना जारी रखें। बुख़ार की स्थिति में शरीर को अधिक भोजन की आवश्यकता होती है संदेहास्पद रोगियों की रक्त परीक्षा करने पर प्लेटलेट की कम सख्या पायी जाती है हिमोग्लोबिन सामान्य हो सकता है रक्त का ब्लीडिंग और क्लॉटिंग समय लंबा हो सकता है।
डेंगू का सही निदान रक्त परीक्षा में वायरल एंटीजन की उपस्थिति से होता है डेंगू की सहायात्मक चिकित्सा की जाती है इस वायरस का कोई ईलाज नहीं है नष्ट हुए प्लेटलेट की पूर्ति के लिए प्लेटलेट का ट्रान्सफ्यूजन, रक्त और बड़ी मात्रा में अन्तशिरा द्वारा द्रव दिया जाता है यह निवारणोपचार होता है और हमेशा इसकी आवश्यकता नहीं होती हैं।
बुख़ार होने पर तत्काल चिकित्सक से सम्पर्क किया जाना चाहिये डेंगू बुख़ार एक वायरस की वजह से होता है एवं वायरस का वर्तमान में कोई इलाज नहीं निकलता है, न ही इस बीमारी के अभी तक टीके इजाद हुए हैं, इसलिए मरीज़ में बीमारी के जो-जो लक्षण दिखाई देते हैं, उसी के अनुसार मरीज़ को उपचार किया जाता है सामान्यत: 80 से 90 प्रतिशत मरीज़ 5 से 7 दिनों में स्वस्थ हो जाते हैं यदि हेमोरेजिक डेंगू फीवर होता है तो वह घातक हो सकता है इसके एक बार से ज़्यादा होने की संभावना रहती है अत: सावधानी बरतें।
दोस्तों आपको कैसी लगी जानकारी कमेंट करके बताये।