टेलीकॉम क्षेत्र में कई कंपनी है और कंपनीयां अपने ग्राहकों के लिए नए प्लान का ऐलान भी करती है नए प्लान पर सस्ते भी होते है लेकिन इस नए पन के बीच में देश की दो पुरानी कंपनियां वोडाफोन और एयरटेल दोनों के दूसरे दिन माही की रिपोर्ट आई है वह दोनों को बहुत नुकसान का सामना भी करना पड़ा है।
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि देश का टेलीकॉम सेक्टर अब डूब रहा है और यह समस्या एयरटेल और वोडाफोन के लिए नहीं दिख रही है बल्कि जिओ इस समस्या को पूरी तरीके से अच्छी दिख रही है क्या इसका मतलब यह है कि एयरटेल और वोडाफोन भारत में अपना बिजनेस को कम हो रहा है| यह सब ठीक हो जाएगा लेकिन मोबाइल कंपनियों को नुकसान हो रहा है।
इन कंपनियों की रिपोर्ट आई है जिसमें दूसरे क्वार्टर में रिपोर्ट में वोडाफोन में कहा है कि उन्हें लगभग 50,922 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है वही एयरटेल ने कहा है कि उन्हें 23,045 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है उसके बारे में कहा जा रहा है कि भारत में टेलीकॉम इतिहास का सबसे बड़ा घाटा है और कंपनियों का कुल हिस्सा मिलाकर लगभग ₹74,000 करोड़ हो जाता है।
हम आपको बता दें कि इस नुकसान क्यों हुआ है इसके लिए आपको देश में लोगों को टेलीफोन सेवा के लिए मोबाइल सेवा कंपनियों को सरकार को कुछ पैसा देना पड़ता है क्योंकि मोबाइल सेवा में इस्तेमाल के लिए देश भर की हवा में अदृश्य तरंगे फैलाई जाती है और इस तरंगों को फैलाने के लिए आपको यह खरीदना होता है उसे स्पेक्ट्रम कहते हैं।
स्पेक्ट्रम के लिए सरकार कंपनियों के नीलामी करवाती है और एक राशि तय की जाती है और इसे स्पेक्ट्रम एक प्राकृतिक सोर्स है| जिसे कोयला स्पेक्ट्रम भी बिकते हैं और यह कई 100 करोड़ों में ख़रीदे जाते हैं| कंपनियों ने बैंक से लोन मिलेंगे तो लोन के लिए पैसे का स्तर पर भी खरीदना होता है और इस समय 5G स्पेक्ट्रम की घोषणा भी की जा रही है| जिसे सभी कंपनियां खरीदना चाहती है।
आपको कैसी लगी जानकारी हमे जरूर बताएं जानकारी अगर पसंद आई तो लाइक और शेयर जरूर करे ऐसी ही नई नई जानकारी के लिए हमे फॉलो करें।