हिन्दू धर्म की 10 बातें जिस पर करता है हर हिन्दू गर्व

हिन्दू धर्म मे ऐसे बहुत सी परंपराओं है जिस पर हर हिन्दू गर्व करता है। हमारे देश में जितनी विविधता देखने को मिलती है उतनी ही खास है यहां की अलग अलग संस्कृति और परंपराओं। जी हां, हिंदू धर्म में कई ऐसी परंपराओं है जिनका पालन सदियों से होता आ रहा है।

हिंदू धर्म की परंपराओं का पालन करते हुए आज भी लोग अपने से बड़ों के पैर छूते हैं और शादीशुदा महिलाएं आज भी अपने मांग में सिंदूट जरुर लगाती हैं इन परंपटाओं के पीछे वैज्ञानिक तर्क भी मौजूद है चलिए हम आपको हिंदू धर्म की 10 ऐसी परंपराओं के बारे में बताते हैं जिनके पीछे छपे तर्क को विज्ञान भी सलाम करता है।

पैर छूना

हिंदू धर्म की परंपराओं में अपने से बड़ों के पैर छूना भी शामिल है आज के इस आधुनिक युग में भी अधिकांश लोग अपने से बड़ों से मिलने पर उनके चरण स्पर्श करते हैं इस परंपरा को विज्ञान भी सलाम करता है क्योंकि चरण स्पष्ट करने से दिमाग से निकलनेवाली एनर्जी हाथों और सामने वाले पैटों से होते हुए एक चक्र पूटा कटती है।

नमस्ते करना

जब भी हम किसी से मिलते हैं अपने हाथ जोड़कर उसे नमस्ते जऊट करते हैं नमस्ते कटने के लिए जब हम हाथ जोड़ते हैं तो हमाटी उंगलियां एक-दूसरे को स्पष्ट करती हैं जिससे पैदा होनेवाले एक्यूप्रेशर से हमाटी आंखों, कानों और दिमाग पर सकाटात्मक प्रभाव पड़ता है इसके अलावा हाथ मिलाने की जगह नमस्ते करने से हम सामने वाले व्यक्ति के संपर्क में नहीं आते हैं। जिसकी वजह से उसके हाथों के बैक्टीरिया हमारे संपर्क में नहीं आते हैं।

मांग भरना

शादीशुदा महिलाएं अपने मांग में सिंदूर भरती हैं और इस परंपरा के पीछे भी वैज्ञानिक तर्क छुपा हुआ है बताया जाता है। कि सिंदूट में हल्दी, चूना और मटकटी होता है जो टाटीट के ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है जिसके चलते विधवा औरतों के सिंदूर लगाने पर पाबंदी होती है।

तिलक लगाना

किसी भी मांगलिक कार्य के दौटान महिलाएं और पुरुष अपने माथे पर तिलक लगाते हैं इसके पीछे वैज्ञानिक मान्यता है कि कुमकुम या तिलक लगाने से हृमाटी आंखों के बीच माथे तक जानेवाली नस में एनजी बनी रहती है तिलक लगाने से चेहरे की कोशिकाओं में ब्लड सर्कुलेशन बना रहता है।

जमीन पर बैठकर खाना

आज भी अधिकांश घटों में लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ जमीन पर बैठकर खाना खाते हैं जमीन पट पालथी मारकर बैठने को एक योग आसन माना गया है इस आसन में बैठकर खाने से दिमाग शांत रहता है और पाचन क्रिया दुरुस्त होती है।

कान छिदवाना

कान छिदवाना भारतीय परंपराओं में शमिल है सदियो पुटानी इस परंपटा के पीछे जो तर्क बताया गया है उसके मुताबिक कान छिदवाने से इंसान की सोचने की शक्ति बढ़ती है वैज्ञानिक तर्क के अनुसार कान छिदवाने से बोली अच्छी होती है और कानों से होकट दिमाग तक जानेवाली नस में ब्लड सर्कुलेशन बना रहता है।

सिर पर चोटी

हिंदू धर्म में आज भी अधिकांटा ब्राह्मण अपने सिर पर दिखा रखते हैं इस शिखा के बारे में कहा जाता है कि सिट पर जिस जगह पट चोटी रखी जाती है उस जगह पर दिमाग की साटी नसें आकर मिलती हैं, जो एकाग्रता बढ़ाने, गुस्से को कंट्रोल करने और सोचने की शक्ति को बढ़ाने में मदद करती हैं।

उपवास रखना

हिंदू धर्म में उपवास रखने की परंपरा बहुत पुटानी है आयुर्वेद के अनुसार व्रत से पाचन क्रिया अच्छी होती है एक रिसर्च के अनुसार व्रत रखने से कैंसर का खतटा भी कम होता है इसके साथ ही दिल की बीमारियां और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है।

तुलसी की पूजा

आज भी अधिकांश घटों में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी पूजा की जाती है वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी का पौधा इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है यह एक आयुर्वेदिक औषधि भी है जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है।

मूर्ति की पूजा

हिंदू धर्म में लोग देवी-देवताओं को प्रसन्न कटने के लिए मूर्ति पूजा करते हैं मूर्ति पूजा के पीछे छुपे वैज्ञानिक तर्क के अनुसाट मूर्ति दिमाग को एक जगह पर स्थिर रखने में मदद करती है।

गौरतलब है कि हिंदू धर्म में इन परंपराओं को काफी महत्व दिया गया है जिसका लोग सदियों से पालन करते आ रहे हैं और विज्ञान भी इन परंपटाओं के आगे नतमस्तक है।

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