फिर से डबल हुई कीमत एक बार फिर से रुला देगी प्याज
आज हम आपको बहुत ही खास जानकारी देने जा रहे है। आलू के बाद अब प्याज महंगा हुआ। त्योहारी सीजन में लोगों के आंसु निकालने के लिए प्याज एक बार फिर से तैयार है। बताया जा रहा है कि बारिश की वजह से प्याज की फसल पूरी तरह से खराब हो गई है। जिस वजह से मंडी में ही प्याज की ऊंची कीमतें है।
आलू और प्याज के बाद अब सब्जियों की कीमतें भी सातवें आसमान पर पहुंच गई है। रिटेल में 15-20 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बिकने वाली प्याज की कीमतें अब 35-45 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। वहीं कारोबारियों का कहना है कि आलू के बाद अब प्याज की कीमतों में तेजी आ रही है।
100 रुपये के पार पहुंचे सब्जियों के दाम
जानकारी दें कि प्याज की कीमत में बढ़ोतरी का बड़ा कारण ये है कि प्याज की फसल का खराब होना।
टमाटर भी जबरदस्त लाल हुआ
वहीं ब्रोकली जैसी सब्जियां तो 400 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा दामों में बिक रही हैं। सब्जियों के बढ़ते दाम से सभी वर्गों के लोग परेशान हैं। दिल्ली की मंडियों में टमाटर 60 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम तो आलू 40 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहे हैं। वहीं गाजीपुर मंडी में धनिया 200 रुपये प्रति किलोग्राम और लहसुन 150 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुकी है। बात करें अगर मिर्च कि तो 100 से 150 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही है। बैंगन, भिंडी और प्याज के दामों भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है।
दरअसल, कर्नाटक में भारी बारिश की वजह से फसल को नुकसान हुआ है। इसी वजह से उत्तर भारत समेत कई इलाकों में आवक घट गई है। हालांकि, अगले 15 दिन तक प्याज की कीमतों में कमी की उम्मीद नहीं है। 100 रुपये के पार पहुंचे सब्जियों के दाम-दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में जो सब्जियां 20 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम बिकते थे, उन्हीं सब्जियों के दाम अब 100 रुपये के पार हो गए हैं।
जानिए क्यों महंगी हो रही है प्याज
आपको बता दें कि प्याज क्यों महंगी हो रही है दरअसल खबर के मुताबिक, प्याज की थोक मंडियों में 8 अगस्त के बाद से प्याज की कीमतों में लगातार तेजी आ रही है। इस दौरान कीमतें बढ़कर 2500 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। एशिया की सबसे बड़ी आजादपुर सब्जी मंडी के अध्यक्ष और ट्रेडर कहते हैं कि अगर प्याज 12-14 रुपये बिकते हैं तो सोचिए किसान को क्या मिलता होगा?
जबकि सरकार कहती है कि किसान को डबल मुनाफा मिले। ऐसे में इस रेट में किसान को मुनाफा डबल मिलेगा? लोग सब्जी कम खरीद रहे हैं, इसके कई कारण हो सकते हैं। बरसात के समय में अक्सर मंडियों में सब्जियों की सप्लाई कम हो जाती है। प्याज का उत्पादन मुख्यत: छह राज्यों में होता है।
50 प्रतिशत प्याज भारत की 10 मंडियों से ही आता है। इनमें से छह महाराष्ट्र और कर्नाटक में हैं। इसका मतलब हुआ कि कुछ सौ व्यापारियों के हाथ में 50 प्रतिशत प्याज की कीमतें रहती हैं। ये व्यापारी अपने तरीकों से प्याज की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं। इसके साथ ही प्याज का कोई न्यूनतम समर्थन मूल्य तय नहीं है।
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