प्याज की बढ़ती क़ीमतों पर सरकार ने लिया फैसला, आप भी जरूर पढें

जैसा कि हम सभी जानते है कि प्याज की कीमत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।सरकार ने प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। इसकी वजह घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाना और कीमतों पर नियंत्रण रखना है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने इस संबंध में सोमवार को अधिसूचना जारी की।

दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश की वजह से प्याज की फसलों को नुकसान हुआ है।

इस वजह से घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। थोक मंडियों में 8 अगस्त के बाद से प्याज की कीमतों में लगातार तेजी आ रही है। इस दौरान कीमतें बढ़कर 2500 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है।

दुनियाभर में प्याज की सबसे ज्यादा खेती भारत में ही की जाती है। दक्षिण एशियाई खानों में प्याज का सबसे ज्यादा इस्तेमाल भी होता है। यही कारण है कि बांग्लादेश, नेपाल, मलेशिया और श्रीलंका जैसे देश भारतीय प्याज पर ही निर्भर रहते हैं। एक महीने के अंदर ही महाराष्ट्र के लासलगांव में प्याज का थोक भाव 30,000 रुपए प्रति टन पहुंच गया है। लासलगांव देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी है।

भारी ​बारिश से प्याज की फसल नुकसान
मुंबई स्थित प्याज निर्यात संघ के अध्यक्ष अजित शाह ने बताया कि कनार्टक और आंध्र प्रदेश जैसे ​दक्षिण राज्यों में इस साल भारी बारिश देखने को मिली है। यही कारण है कि प्याज की फसलों को नुकसान पहुंचा है। जबकि, अन्य राज्यों में फिलहाल प्याज की फसल में देरी हो रही है।

अभी प्याज की कीमतें घटने की उम्मीद नहीं
रिटेल में 15-20 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव पर बिकने वाली प्याज की कीमतें अब 35-45 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है। कारोबारियों का कहना है कि आलू के बाद अब प्याज की कीमतों में तेजी आ रही है। इसकी वजह प्याज की फसल का खराब होना है। अगले 15 दिन तक प्याज की कीमतों में कमी की उम्मीद नहीं है।

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