नोटबन्दी और जीएसटी के बाद आये फिर आए झटके देने वाले मोदी सरकार का ऐलान

मोदी सरकार ने किया ऐलान 8 नवंबर, 2016 की रात को, जब देश में कई लोग शांति से बैठे थे, कई काम कर रहे थे, कई दोस्त दोस्तों के साथ चिल्ला रहे थे, जब मोदी सरकार ने घोषणा की कि हर कोई नींद में था देश में नोटबंदी की घोषणा की गई थी। 1000 और 500 रुपये के नोट रात भर बंद कर दिए गए। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद कई लोगों में काफी रोष था।

नोटबंदी के बाद, सरकार ने जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) लाकर एक और बड़ा धमाका किया, जिसने देश की अर्थव्यवस्था को भी बदल दिया। अब पीएम मोदी फिर से देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं और अपने कार्यकाल के दौरान एक बार फिर धमाके की तैयारी कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार, नोटबंदी और जीएसटी के बाद, प्रधानमंत्री (मोदी सरकार) एक नया धमाका करने जा रही है, जो देश को बदलने जा रही है जीएसटी और नोटबंदी जैसी कई नई योजनाएं लागू की जा रही हैं।

सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि सरकारी योजनाएं अब पारंपरिक तरीकों के साथ आगे नहीं बढ़ेंगी, सख्त होना होगा और बड़े फैसले लेने होंगे। अब, सार्वजनिक क्षेत्र में निजी प्रबंधन के फार्मूले को लागू किया जाएगा सरकार अमरीका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात और चीन जैसे देशों की विकास नीति तैयार कर रही है।

आईटी, सड़क परिवहन, बिजली, कोयला क्षेत्र, रेलवे, निर्माण, स्वास्थ्य, शहरी विकास, संचार, खानों, नागरिक उड्डयन, रक्षा और भारी उद्योग जैसे क्षेत्रों में अब वास्तविक समय संचार और वास्तविक समय डेटा प्रबंधन का पालन किया जाएगा। निर्धारित समय से पहले और कम लागत पर काम करने पर जोर दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि समय पर सरकारी योजनाओं को पूरा न करने का एक प्रमुख कारण प्रबंधन और कार्यान्वयन व् यवहार में बदलाव की कमी है। आज भी अधिकांश सरकारी कर्मचारी पुराने तरीकों पर काम करते हैं। चाहे वह निर्माण का क्षेत्र हो या आईटी प्रोजेक्ट कार्य निर्धारित समय के भीतर पूरा नहीं किया जा रहा है, यही कारण है कि निजीकरण को लागू किया जाएगा। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने विलंबित प्रोजेक्ट की एक सूची भी जारी की थी। यह बताया गया था कि अप्रैल 2014 में 727 में से 282 सरकारी प्रोजेक्ट में देरी हुई थी।

दिसंबर 2018 में, 1424 में से 384 प्रोजेक्ट शुरू होने में देरी हुई। देरी का कारण परियोजना प्रबंधन की कमियां थीं। इससे सरकार के लिए भारी आर्थिक संकट की स्थिति हुई अब मोदी सरकार इस अतिरिक्त लागत को कम करने के लिए नई योजना को लागू करने की तैयारी कर रही है।

नोटबंदी और फिर जीएसटी लागू होने के बाद देश के लोग परेशान थे इन मुद्दों को विपक्ष द्वारा प्राथमिकता के आधार पर भी उठाया गया था अब मोदी सरकार बड़ा धमाका करने जा रही है।

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