गुरुवार के दिन करें ये उपाय, हो जाएगी 1 महीने में शादी

बहुत बार ऐसा देखने को मिलता है अगर शादी में दिक्कत हो रही है, अड़चनें आ रही है या फिर दांपत्य जीवन में कोई परेशानी है तो इससे घबराने की जरूरत नहीं है। बस गुरुवार के दिन आपको कुछ सरल उपाय करने हैं। ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक यह ग्रह-नक्षत्रों की दिशा की वजह से होती है और गुरुवार को कुछ उपाय करने से ये दूर भी हो जाते हैं।

दरअसल आज गुरुवार है और शास्त्रों में गुरुवार के दिन केले पेड़ की पूजा का खास महत्व है। इतना ही नहीं केले के पत्तों को भी शुभ माना गया है और धर्म शास्त्रों उसकी पूजा को लाभकारी माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक केले के पेड़ (Banana Tree) में साक्षात देवगुरु बृहस्पति का वास होता है और गुरुवार का दिन भगवान बृहस्पति यानी कि भगवान विष्णु (Bhawan Vishnu) का दिन होता है।

गुरुवार के दिन केले के वृक्ष की पूजा विधि-विधान और श्रृद्धा के साथ करने वाले जातकों पर भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को सुख समृद्धि और शांति का वरदान देते हैं। केले के वृक्ष को शुभ और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करने से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है और ऐसे लोगों की शादी में रुकावटें नहीं आती है। उन्हें अच्छा जीवनसाथी प्राप्त होता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। घर में आर्थिक सम्पन्नता भी आती है।

इतना ही नहीं गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करने वाले व्यक्त‍ि के परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है और परिवार में खुशियां भी आती हैं। ऐसे में अगर आप गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करते हैं तो आप पर भगवान बृहस्पति की आप पर कृपा होगी।

गुरुवार के दिन व्रत रखें, जिसमें पीले वस्त्र पहने और बिना नमक का पीला भोजन का संकल्प लें। गुरु बृहस्पति की प्रतिमा या तस्वीर पीले वस्त्र पर विराजित कर पंचोपचार पूजा केसरिया चंदन, पीले अक्षत, पीले फूल व भोग में पीले पकवान या फल अर्पित करें।

गुरुवार को ऐसे करें केले के पेड़ की पूजा

सुबह-सुबह मौन व्रत का पालन कर स्नान करें। इसके बाद केले के वृक्ष को प्रणाम कर जल चढ़ाएं।

इस बात का ध्यान रखें कि घर की आंगन में यदि केले का वृक्ष लगा है तो उस पर जल ना चढ़ाएं. बाहर के केले के वृक्ष को जल चढ़ाएं।

केले के वृक्ष पर हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़ केल को अर्पित करें।

अक्षत, पुष्प आदि चढ़ाएं और केले के पेड़ की परिक्रमा करें।

इस मंत्र का जाप करें…

ॐ बृं बृहस्पते नम:

बृहस्पति मंगल मंत्र-

जीवश्चाङ्गिर-गोत्रतोत्तरमुखो दीर्घोत्तरा संस्थित:

पीतोश्वत्थ-समिद्ध-सिन्धुजनिश्चापो थ मीनाधिप:।

सूर्येन्दु-क्षितिज-प्रियो बुध-सितौ शत्रूसमाश्चापरे

सप्ताङ्कद्विभव: शुभ: सुरुगुरु: कुर्यात् सदा मङ्गलम्।।

आपको कैसी लगी जानकारी हमें जरूर बताएं ऐसी ही नई नई जानकारी पाने के लिए हमें फ़ॉलो जरूर करें।

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top