अश्वगंधा खाने वाले जरूर पढे इस खबर , वार्ना पड़ जायेगा पछताना
अश्वगंधा आयुर्वेदिक उपचार के लिए प्रयुक्त होने वाली जड़ी बूटियों में से सबसे अधिक शक्तिशाली मानी जाती है। अनेक प्रकार की परिस्थितियों के लिए पुरातन काल से ही इसका प्रयोग होता आया है। इसको कायाकल्प के लिए अच्छी प्रकार से जाना जाता है। अश्वगंधा का इस्तेमाल कई बीमारियों में दवा के रूप में किया जाता है। अश्वगंधा दवा, चूर्ण, कैप्सूल के रूप में आपको आसानी से बाजार में मिल जाएगी। कई रोगों में तो अश्वगंधा रामबाण की तरह है।
अथर्ववेद में भी अश्वगंधा के उपयोग एवं उपस्थिति के बारे में बताया गया है। भारतीय पारंपरिक औषधि प्रणाली में अश्वगंधा को चमत्कारिक एवं तनाव-रोधी जड़ी बूटी के रूप में जाना जाता है। इस वजह से तनाव से संबंधित लक्षणों और चिंता विकारों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली जड़ी बूटियों में अश्वगंधा का नाम भी शामिल है।
अश्वगंधा का इस्तेमाल कैंसर जैसी बीमारी में राहत ही नहीं, बल्कि छुटकारा तक पाने में किया जा रहा है। शोध में पाया गया है कि अश्वगंधा में एंटी टयूमर गुण हैं, जो कैंसर को दूर करने में काफी मददगार होता है, इसलिए कई बार कैंसर के वैकल्पिक उपचार के रूप में भी अश्वगंधा का उपयोग किया जाता है।
अश्वगंधा ऑक्सीडेंट्स का भंडार है। यह फ्री रेडिकल्स का विरोध करके दाग धब्बे, झुर्रियां और झाइयों को दूर करके उम्र बढ़ने के साथ होने वाले लक्षणों को दूर कर देता है।
अश्वगंधा को हाइपरटेंशन में भी लाभकारी माना गया है। इसके लिए अश्वगंधा का नियमित सेवन करना चाहिए। लेकिन जिन लोगों का ब्लड प्रेशर कम रहता है, उन्हें अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए।
वर्तमान समय में लोग लगातार तनाव से ग्रस्त नजर आते हैं। उन्हें तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अश्वगंधा का सेवन काफी लाभदायक है। यह औषधि एंटीस्ट्रेस वाली मानी जाती है। हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि किन कारणों के कारण इसे एंटीस्ट्रेस माना जाता है, लेकिन यह सिद्ध हो चुका है कि इसके इस्तेमाल से तनाव में राहत जरूर मिलती है।
आप भी अगर अश्वगंधा का सेवन करते है तो आपको इसके फायदे जरूर पता होने चाहिए।