आज हम आपको बहुत ही खास जानकारी देने जा रहे है उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले की एशिया प्रसिद्ध आलू मंडी सातनपुर में बुधवार को आलू के भाव 200 रुपये प्रति कुंतल गिर गए हैं। मंडी में नए आलू की आमद होने की वजह से 4 दिन के भीतर 400 रुपये प्रति कुंतल की गिरावट आई है।
आलू आधारित क्षेत्र कन्नौज, इटावा, औरैया, एटा, अलीगंज का अधिकांश नया आलू मंडी समित सातनपुर में बिकने के लिए आता है। मौजूदा समय में नए आलू की आमद मंडी में बढ़ रही है। जिसकी वजह से आलू के भाव प्रतिदिन नीचे जा रहे हैं। आलू आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष रिंकू वर्मा बताते हैं कि नए आलू की खुदाई अब तेजी से हो रही है।
जिस वजह से आलू के भाव में प्रतिदिन गिरावट आ रही है। आज मंडी समिति में आलू 26 सौ रुपये प्रति कुंतल बिका, जबकि दो दिन पहले से आलू की कीमत 3000 हजार रुपये प्रति कुंतल चल रही थी। आलू की आमद अधिक होने से एकाएक भाव गिर गए हैं।
उन्होंने बताया कि अब फर्रुखाबाद का आलू बाहर की मंडियों में भी जाने लगा है और पहाड़ी आलू की बाजार में भरमार होने से आलू की कीमत में प्रतिदिन गिरावट आ रही है। जिसकी वजह से मंडी में आलू की बहुतायत है।
प्रगतिशील किसान नारद सिंह कश्यप का कहना है कि आलू छब्बीस सौ रुपए प्रति कुंटल बेचने में भी किसानों को भारी लाभ है। कच्ची फसल तैयार करने वाले किसानों को चाहिए कि वह अपना आलू खोदकर बेच ले जिससे वह आलू की खुदाई के बाद उसी खेत में गेहूं की दूसरी फसल ले सके। जिससे किसानों को दोहरा लाभ होगा। आलू के भाव गिरे जरूर है लेकिन अभी किसानों को इस भाव में कोई नुकसान नहीं है।
आलू विकास विभाग के निरीक्षक जितेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि तकरीबन 2000 हेक्टेयर भूमि पर आलू की अगैती फसल तैयार की गई है। जिसमें खुदाई चल रही है। किसानों को चाहिए कि वह अपना आलू खोदकर मंडी समिति में बेचकर अच्छा लाभ उठाएं। उनका कहना है कि आलू के दाम आगे भी गिरने की संभावना है। नया आलू भारी मात्रा में बाजार में पहुंच रहा है। इस वजह से पुराना आलू भी नीचे गिर सकता है।
किसानों को सूझ बूझ कर आलू खोदकर अपने खेतों में गेहूं की फसल की बुआई कर आम के आम गुठलियों के दाम वाली कहावत चरितार्थ करना चाहिए। वैसे पुराना आलू मौजूदा समय में 5 फीसदी शीत गृह में भंडारित है। जबकि जिले के 75 शीत गृहों में 12 लाख मैट्रिक टन आलू भंडारित किया गया था। जिसकी निकासी हो चुकी है। और किसानों के लिए इस वर्ष आलू वरदान बन चुका है। नए आलू की कीमत भी किसानों को वाजिब मिल रही है जिसका लाभ लेना चाहिए।
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